आजमगढ़ : प्रेम अंधा ही नहीं, आत्मघाती भी बन गया..!

० खुसरो दरिया प्रेम का, वाकी जिसकी धार/ जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार!! प्रेम में उतरने वाला व्यक्ति प्रायः उसमें डूब जाता है. लेकिन उसमें डूबने…

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ऐ मुहब्बत ! तेरे अंज़ाम पे रोना आया : मटुकनाथ-जुली प्रेम कहानी का हस्र

डेढ़ दशक पहले प्रो. मटुकनाथ चौधरी और उनकी छात्रा जूली की प्रेमकथा देश की सर्वाधिक चर्चित प्रेमकथाओं में एक रही थी। तमाम सामाजिक, पारिवारिक और नैतिक विरोध झेलते हुए दोनों…

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इश्क़, प्यार, मुहब्बत के दोहे …

–हरिकीरत हीर 1 ना मैं पानी माँगती , ना माँगूँ कुछ और । प्यास इश्क़ की है लगी, दिल में दे दे ठौर ।। 2 इश्क़ रोग छूटे नहीं ,…

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गैर आदमीयत के बीच यह वह चीख है जो अभी सुनी जानी है

धूप के ढेर सर पे ढोये हैं मुद्दतों हम सड़क पे सोये हैं कह रही हैं हमारी सुर्ख आंखें तुम भी रोये हो हम भी रोये हैं ( कभी कभी…

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आप दर्शकों और पाठकों ने मुझे अपने कोर में इन बूंदों की तरह थामा है।

-Ravish Kumar आपका लिखा हुआ मिटाया नहीं जा रहा है। सहेजा भी नहीं जा रहा है। दो दशक से मेरा हिस्सा आपके बीच जाने किस किस रूप में गया होगा,…

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रिमझिम बरसै अषाढ़

                                    कजरी: रिमझिम बरसै अषाढ़ नदी नारा गयें बाढ़, मोरा मन नाही लागे…

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