यह प्यारी सी नाजुक सी लड़की जिसका नाम प्रिया है, जिसे आप परिश्रम की पराकाष्ठा कह सकते हैं । यह लड़की जब मेरे पास आई तो मैंने पेंटिंग सिखाना बंद कर दिया था। इस बच्ची ने ऐसी जिद पकड़ ली मैम प्लीज मुझे सिखा दीजिए और रोज रोज यह एक ही जिद्द कि मुझे सीखना है ,तो मैं उसके सामने नतमस्तक हुई और इसको मैंने ट्रेनिंग देना शुरू किया।

यह लड़की…. ईश्वर ने इसे शायद सरस्वती के शरण में ही रखा है ,कलाकारी का तो भंडार है ये । कलाकार के साथ ही परिश्रम इसके जहन में कूट-कूट के भरा हुआ है। इसके शब्दकोश में असंभव नाम की कोई चीज है ही नहीं ।कैसा भी काम है, पहाड़ भी चढ़ना है ,हो जाएगा मैडम। आश्चर्य होता है मुझे इस प्यारी सी बच्ची को देखकर ,आज इसका जन्मदिन है। एक संघर्ष मय जीवन और उस पर भी चेहरे पर निरंतर मुस्कुराहट ,ये कैसे कर पाती है ।
जो इसको जानता होगा ।जो भी इसके मित्र श्रेणी में होगा। शायद ही कोई इसको भूल पाएगा ।एक संघर्ष के साथ अपने जीवन का युद्ध लड़ रही है। आज के जन्मदिन पर यही दुआ करुंगी और आपसे भी यही उम्मीद करूंगी इस बच्ची के लिए आप दुआ करिए कि इसको खुशियो से भरा जीवन दे। इसको ईश्वर हर वो खुशी दे जो यह चाहे। प्रिया बच्चा तुम बहुत अच्छी जिंदगी जियो तुम्हें जिंदगी में वह हर खुशियां मिले जिसकी एक लड़की ख्वाहिश करती है ।बहुत-बहुत जन्मदिन मुबारक हो तुम्हें…..
–संतोष सिंह की वाल से