बनारस में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर के बहाने से की जा रही तोड़फोड़ का असर अब दिखने लगा है । बनारस की खोदाई का नतीजा होगा कि समूचा बनारस ही ढह जायगा । नए जमाने के कुपढ रंगरूटों को जो आज अधिकारी बने बैठे हैं, उन्हें बनारस के इतिहास और उसके भूगोल की ही जानकारी नही है । तुर्रा यह कि इतनी नालायक सरकार है बनारस पर फावड़ा गिराने के पहले इसके ठेकेदारों के पास कोई सलीके का ब्लूप्रिंट ही नही है । किसी भी अधिकारी से पूछिए इसके पानी का स्रोत और सीवर सिस्टम क्या है उसे नही मालूम । बनारस में जब तोड़फोड़ शुरू हुई तो हमारे जैसे अनेक लोग सामने आये और खुल कर बोले कि बनारस को बिगाड़ो मत यह दुनिया का सबसे पुराना किला है , बसावट भर नही है । बनारस के ही पत्रकार भाई सुरेश प्रताप और प्रदीप कुमार जी इस विषय पर लिखते आ रहे हैं । मजेदार बात यह है कि इतनी बड़ी तोड़ फोड़ हो रही है परामर्श समिति में एक पुरातत्वविद नही है ।
कल एक घटना घटी । गोदौलिया और दशास्वमेध घाट के बीच की सड़क तोड़ते समय मजदूरों को एक सुरंग मिली । नीचे चित्र है । इतनी गहरी और चौड़ी सुरंग देख प्रशासन के हाथ पांव फूल गए । उसके बारे में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नही है । अगर आपको याद हो तो पिछले साल हमने एक पोस्ट लिखा था । बनारस के भूगोल के बारे में । यह कुंडों का बसावट है जगह जगह कुंड बने हैं और एक दूसरे से जुड़े है । उनका जल कभी सूखता नही । इतना ही नही बनारस का सीवर सिस्टम और भी विचित्र है पूरे सड़क की चौड़ाई लिए निहायत गहरा सीवर सिस्टम सदियों से चला आ रहा है । एक उदाहरण आँखन देखी बता रहा हूँ । 78 मै जबरदस्त बाढ़ आई थी । गोदौलिया चौराहे पर लकड़ी के एक खोखे में पुलिस बैठी रहती थी , यह उसका बीट बॉक्स था । एक दिन एक अकेला पुलिसवाला दो कुर्सियों पर पसरा झपकी ले रहा था कि अचानक एक रिक्सेवाले नए दौड़ कर पुलिस को खींच कर बाहर फेंक दिया। इतने में लकड़ी का खोखा सड़क के अंदर चला गया । सड़क पर हुए गड्ढे को प्रशासन ने कैसे ठीक किया किसी ने उस पर ध्यान नही दिया । बाढ़ खत्म हुई । दो तीन महीने बाद लोहटिया सड़क पर एक ट्रक फंस गई । उसका पिछला हिस्सा सड़क में आसिस्ता आहिस्ता धसने लगा । क्रेन आयी किसी तरह ट्रक को खींच कर बाहर किया तो पता चला ट्रक के पिछले हिस्से में फंसा लटका एक खोखा भी बाहर आया ।
इस बनारस को तोड़ कर हुकूमत बहुत बड़ा जुर्म कर रही है ,आगे और भी खराब हालात होने जा रहे हैं ।
–चंचल जी के वाल से