हौंसले के बलबूते कोई इंसान कुछ भी कर सकता है फिर चाहे लाख मुश्किलें उसके आगे खड़ी हों। इसी मिसाल को सही साबित किया है एसिड अटैक विक्टिम कविता बिष्ट ने, जो कि उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की ब्रांड एम्बेसडर हैं। इतना ही नहीं कविता बिष्ट दिव्यांग भी हैं, इसके बाद भी वो खुद अपने पैरों पर खड़े होकर दूसरों के लिए काम कर रहीं है
कविता आज से करीब 12 साल पहले एसिड अटैक का शिकार हुई थी, उस समय कविता अपने घर का खर्च चलाने के लिए दिल्ली की एक निजी कंपनी में काम करती थी। कविता के मुताबिक इस घटना के बाद उनकी आँखों की रोशनी तो चली ही गयी, और मानो ऐसा लगा की ज़िंदगी भी खत्म हो गयी हो है, लेकिन कविता ने हार नहीं मानी औऱ हिम्मत कर दोबारा उठी और ज़िन्दगी की एक नई शुरुआत की।
हालांकि इस दौरान समाज ने कविता को कई तरह से ताने दिए ।लेकिन दिव्यांग कविता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज कविता अपना एक पेइंग हॉस्टल चला रही हैं, जिसका सारा काम वह खुद करती हैं। यही नहीं कविता दिव्यांग बच्चों को रोजगार परक प्रशिक्षण देती हैं। जिससे बच्चे दिव्यांग होने के बावजूद अपनी ज़िन्दगी सवार रहे हैं।
कल कविता जी हमारे बीच थीं उन्होंने अपनी उपस्थिति और वक्तव्य से राहुल प्रेक्षागृह में उपस्थित प्रत्येक को प्रेरित कर दिया, उन्होंने कहा की अब समय आ गया है कि हमें अपनी बच्चियों से हर बात साझा करनी चाहिए और बच्चियों को भी किसी बात को अपने अभिभावकों से छुपाना नहीं चाहिए। बच्चियों को गुड टच बैड टच के साथ मासिक धर्म की बातों को भी अपने अभिभावकों से शेयर करनी चाहिए। मुख्य अतिथि एसिड अटैक सरवाइवर उत्तराखंड वुमेन पावर इम्पावरमेंट की ब्रांड एंबेस्डर कविता बिष्ट ने अपने उदबोधन में मंगलवार को राहुल प्रेक्षागृह में प्रमुख समाजसेवीयों व महिला संगठनों द्वारा आयोजित ‘हमारी प्रेरणा हमारा साहस’ कार्यक्रम में कहीं।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों का भी सम्मान किया गया जिसमें डा. लीना मिश्रा, संतोष सिंह, विभा गोयल, गार्गी शुक्ला प्रमुख रहीं। अनामिका सिंह पालीवाल, अमित लता सिंह, संध्या सिंह, पूनम शर्मा, अनीता द्विवेदी, ममता मौर्या, अंशु अस्थाना, मीरा अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, बबिता जसरसिया ने सहयोग किया।