@ अरविंद सिंह
आजमगढ़ का एक ऐसा नाम है, जिसने अपनी मेहनत और विज़नरी सोच से न केवल अपनी परिस्थितियों को बदल डाला बल्कि बहुतों की जिन्दगी भी संवार डाला. बहुतों को जिन्दगी के मायने भी बता और समझा दिया.बहुतों को जीवन जीना सिखा दिया. इसके लिए उन्होंने किसी संत और महात्मा से कोई दीक्षा और दिव्य ज्ञान नहीं प्राप्त किया, बल्कि अपनी कठोर मेहनत, अदम्य साहस, और विज़नरी लीडरशिप से एक दुनिया ही रच दिया, जिसमें सभी इस लीडरशिप को स्वीकार कर अपनी और परिवार की जिन्दगी बदलने और खुशियाँ लाने के लिए कठोर मेहनत करने लगें.

आज में रहकर कल की शानदार और सुन्दर तस्वीर खींचने वाले इस शख्स ने लोगों की सोच और धारणाएँ बदल डाली. सठियांव विकास-खंड के एक बड़े गाँव समेंदा में पैदा हुए शिशिर सिंह ने अपना प्रारंभिक जीवन समेंदा के एक विद्यालय में अध्यापन से शुरू किया. जीवन के कठोर पथ पर चलते हुए उन्होंने अग्नि पथ का वरण किया. संघर्ष और साहस को हथियार बना उन्होंने समय रहते समय की चाल पकड़ी और जीवन बीमा में बतौर अभिकर्ता एक नई दिशा में उड़ान भरी. विद्यालय के समय में एक कुशल अध्यापक और विद्यालय के बाद एलआईसी के एक कुशल अभिकर्ता, अपने मेहनत और विज़नरी सपनों के कारण कब विकास अधिकारी बन गया यह लोगों ने देखा. समेंदा का ‘पुन्नु मास्टर’ देखते ही देखते डीओ शिशिर सिंह परिहार बन गया.अपने मेहनत और अदभुत नेतृत्व क्षमता से कब एलआईसी के एक के बाद एक रिकॉर्ड बना दिया जो पूर्वांचल में एक मिशाल है. सत्य, अपने पेशे पर अटूट विश्वास और विज़नरी सोचा के बिना पर कोई साधारण व्यक्ति भी, असाधरण टीम लीडर बन आर्थिक स्थिति न केवल मजबूत कर सकता है बल्कि बहुतों के जीवन में खुशियाँ बिखेर सकता है. अपने बिजनेस लक्ष्य को पूरा करने पर अनेक बार एलआईसी के सीएमडी के हाथों सम्मानित होने वाले शिशिर सिंह परिहार आज एक बार फिर एक रिकॉर्ड बना दिया. शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन में 1000 पालिसी बेचकर.
दोस्त बाज और काम के प्रति दृढ़ संकल्पित परिहार जी ने एक सपना दिखाया है.. एक साधारण को अपनी सोच और लगन से असाधारण जीवन स्तर को सुधारने का. इस सफलता के लिए Shishir Singh Parihar सर को आकाश भर बधाइयाँ…
यह एक विज़नरी और टीम लीडर का कौशल है, जिसने इस रिकार्ड को बना दिया. आप ने जीवन में संघर्ष करके एक मानक और विश्वास पैदा किया है कि एक साधारण व्यक्ति भी अपनी मेहनत, लगन और कार्यकुशलता से सफलता की ऊंचाई तक पहुँच सकता है. आप के संघर्ष, अदम्य साहस और नेतृत्व क्षमता को हृदय से प्रणाम. और अशेष शुभकामनाएं. सर! रोल मॉडल कोई एक दिन में नहीं बनता है. आप ने संघर्ष करके एक लंबी रेखा खींची है..