मेडिकल प्रोफेशन में एनाटॉमी नींव की मानिंद: डॉ. स्यु एड्सटर्म

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में एनाटॉमी विभाग की ओर से शरीर रचना विज्ञान में विकसित रुझान एक वैश्विक नजरिया-2021 थीम पर दो दिनी ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय वर्कशॉप का शुभारम्भ, वर्कशाप में भारत समेत न्यूजीलैंड, ओमान, स्पेन, आयरलैंड, यूके, सऊदी अरब के एनाटॉमी एक्सपर्ट्स ने दिए व्याख्यान

खा़स बातें :
एनाटॉमी पेशे में हर दिन सामने हैं नित नई चुनौतियां
एनाटॉमी शोध के असामान्य परिणाम खोलते है नए द्वार
आईडब्ल्यूए-2021 से जुड़े दुनिया के 1500 डेलीगेट्स
कुलाधिपति के संदेश से हुआ आईडब्ल्यूए का शंखनाद

प्रो.श्याम सुंदर भाटिया
वर्कशॉप में फर्स्ट डे यूनिवर्सिटी आफ ओटागो, न्यूजीलैंड की डॉ. स्यु एड्सटर्म ने डिमेस्टिफाइंग एनाटॉमी फॉर एवरीडे यूज पर बोलते हुए कहा, मेडिकल प्रोफेशन में एनाटॉमी एक नींव की मानिंद है। उन्होंने एनाटॉमी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा, शरीर रचना विज्ञान के अब तक के रिसर्च में सभी एक्सपर्ट्स का अमूल्य योगदान है। पूरी दुनिया में एनाटॉमी पेशे में शिद्दत से बदलाव महसूस किया जा रहा है। सच यह है, एनाटॉमी पेशे में हर दिन नित नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. स्यु कोविड- 19 का नाम लिए बोलीं, एनाटॉमी मी पेशे का भविष्य नया आकार ले रहा है। मौजूदा वक्त में दुनिया के जाने-माने एनाटॉमिस्ट्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती नकारात्मकता को दूर करना है। डॉ.एड्सटर्म इंटरनेशनल वर्कशॉप ऑफ एनाटोमी-आईडब्ल्यूए-2021 में बतौर गेस्ट आफ आनर बोल रही थीं। वर्कशाप शरीर रचना विज्ञान में विकसित रुझानः एक वैश्विक नजरिया थीम पर हो रही है। इससे पूर्व टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन के एक वीडियो संदेश के जरिए वर्कशॉप का शंखनाद हुआ।
ओमान की सुल्तान कबूस यूनिवर्सिटी के जाने-माने एनाटॉमिस्ट डॉ. सृजित दास इम्पोर्टेंस ऑफ रिसर्च इन एनाटॉमी का प्रारम्भ इन सवालों से किया, रिसर्च कैसे, क्यों और किसलिए की जाती हैं ? उन्होंने कहा, रिसर्च के उम्दा टापिक हमेशा पीजी छात्रों को आकर्षित करते हैं, विशेषकर असामान्य परिणाम युवा एनाटॉमिस्ट्स के लिए नए द्वार खोलती है। इससे न केवल दुनिया के सीनियर्स एनाटॉमिस्ट्स अपने अनुभव साझा करते हैं, बल्कि शोध के नए तरीकों से अपडेट होते हैं। वर्कशॉप के पहले दिन स्पेन से सारा प्युग एलिएर, आयरलैंड से ब्रेंडन बायर्ने, यूके से डॉ. मनदीप गिल सागू,स्कॉटलैंड से डॉ. जॉन शार्के, सऊदी अरब से डॉ. शाजिया इकबाल, भारत से डॉ. दीप्ति शास्त्री ने भी अपने-अपने टापिक्स पर प्रकाश डाला। वर्कशॉप के दौरान पैनल डिसक्शन भी हुआ। उल्लेखनीय है, इस वर्कशॉप में भारत समेत आधा दर्जन से अधिक न्यूजीलैंड, ओमान, स्पेन, आयरलैंड, यूके, सऊदी अरब के एनाटॉमी एक्सपर्ट्स ने व्याख्यान दिए। सेकेंड डे अमरीका से डॉ. वार्ना तारानीकांति, ग्रीस से डॉ. आयानीस स्टवरो, भारत से प्रो. ए शरीफ, टर्की से प्रो. कैगटे बरुत, भारत से डॉ. डोरिस जी योहानन, यूके से डॉ. सिसिलिया ब्रेसेट, अमरीका से डॉ. प्रीति एम मिशेल बतौर गेस्ट स्पीकर्स शिरकत करेंगे। इससे पूर्व मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शंखनाद वर्चुअली हुआ। टीएमयू के डिपार्टमेंट आफ एनाटॉमी की ओर से तीर्थंकर महावीर मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर की ओर से प्राचार्या प्रो. श्यामोली दत्ता, इंटरनेशनल वर्कशॉप ऑफ एनाटोमी-आईडब्ल्यूए-2021 के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन एवं टीएमयू मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही, जबकि बतौर पैनलिस्ट प्रो. सीमा अवस्थी, प्रो. विश्राम सिंह, प्रो. वीके सिंह, प्रो. रिहाना नजम, प्रो. प्रीथपाल मटरेजा, प्रो. रोहित वार्ष्णेय आदि शामिल रहे। वर्कशॉप में प्रो. निधि शर्मा, डॉ.हिना नफीस, डॉ. सोनिका शर्मा, डॉ.दिलशाद उस्मानी, डॉ.सौरभ चैधरी आदि की भी मौजूदगी रही। वर्कशॉप से दुनिया के 1500 डेलीगेट्स जुड़े रहे। संचालन डॉ. सुप्रीति भटनागर ने किया।

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