सोने को भारत समेत दुनियाभर में निवेश का अच्छा विकल्प माना जाता है। भारत की बात करें तो फिजिकल सोने के साथ डिजिटल सोने के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि साल 2021 में गोल्ड ईटीएफ में भारतीयों ने जमकर निवेश किया और इसमें 27 फीसदी का उछाल आया।
एम्फी के आंकड़ों में सामने आई जानकारी
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा पेश किए गए आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। खास बात ये है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में हो रहे लगातार इजाफे के बाद भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश को लोग तरजीह दे रहे हैं। इसका अंदाजा इससे इससे लग जाता है कि पिछले साल गोल्ड ईटीएफ में किए जाने वाले निवेश में 27 फीसदी की बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है।
एयूएम दिसंबर में बढ़कर 18405 करोड़ हुआ
एम्फी के मुताबिक, 2021 में भारतीयों के निवेश के दम पर डिजिटल गोल्ड निवेश का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 27 फीसदी बढ़ गया। जनवरी, 2021 में गोल्ड ईटीएफ के तहत एयूएम 14,480 करोड़ रुपये था, जो दिसंबर में बढ़कर 18,405 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इक्विटी बाजार के धीमा होने पर लोगों ने गोल्ड ईटीएफ को एक वैकल्पिक निवेश साधन के रूप में चुना।
गोल्ड ईटीएफ फोलियो 32 लाख के पार
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच गोल्ड ईटीएफ फोलियो की संख्या पिछले साल महज 9.7 लाख से तीन गुना बढ़कर 32.1 लाख हो गई। कोटक म्यूचुअल फंड में सीआईओ-डेट और व्यापार प्रमुख लक्ष्मी अय्यर ने कहा कि बाजार ने सभी क्षेत्रों से मांग देखी। दूसरी कोविड लहर के बाद लगाए गए लॉकडाउन के साथ, कई भारतीय डिजिटल सोने को निवेश का अच्छा विकल्प मानते हुए इसमें निवेश करते दिखाई दिए।
गोल्ड ईटीएफ के ये बड़े फायदे
आपको बता दें कि शेयरों की तरह गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स को खरीद सकते हैं। इस पर परचेजिंग शुल्क फिजिकल सोने के मुकाबले कम होता है। इसके साथ ही फिजिकल सोने के रखरखाव की समस्या से छुटकारे के साथ ही डिजिटल सोने में 100 फीसदी शुद्धता की गारंटी भी मिलती है। इसके अलावा लंबी अवधि के निवेश में अच्छा रिटर्न मिलने की बात भी लोगों को इसमें निवेश करने के लिए आकर्षित करती है।