एयर इंडिया के लिए कर्ज देने को तैयार हुआ एसबीआई, एयरलाइन के टाटा संस के हाथ में जाने के बाद हुआ फैसला

सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के टाटा संस के हाथों में जाते ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के नेतृत्व में कर्जदाताओं का एक संघ घाटे में चल रही विमानन कंपनी एयर इंडिया को कर्ज देने के लिए तैयार हो गया है। बताया गया है कि टाटा संस को यह ऋण एयर इंडिया के सुचारू परिचालन के लिए दिया जाएगा।

Air India handover See list of in-flight changes as Maharaja gets makeover  - Business News

टाटा ग्रुप ने पिछले साल अक्तूबर में एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ एयर इंडिया और एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली जीती थी। समूह ने आज विमानन कंपनी का औपचारिक रूप से अधिग्रहण कर लिया है। सूत्रों ने बताया कि एसबीआई के नेतृत्व वाला कंसोर्शियम एयर इंडिया की आवश्यकताओं के तहत एक तय अवधि और कार्यशील पूंजी ऋण दोनों देने पर सहमत हो गया है।

कौन-कौन से बैंक कंसोर्शियम का हिस्सा?
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहित सभी बड़े ऋणदाता कंसोर्शियम का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने आठ अक्टूबर, 2021 को कर्ज में डूबी एयर इंडिया के अधिग्रहण की 18,000 करोड़ रुपए में बोली जीत ली थी।
एक बैंकर ने कहा, “टाटा के हाथ में एयर इंडिया के जाने के बाद कई बैंक एयरलाइन को कर्ज देने के लिए तैयार हो गए हैं। जो भी पुराने कर्जदाता कंपनी को फिर से पुनर्वित करने के लिए तैयार नहीं हुए हैं, उन्हें नए कर्ज के जरिए उनकी दी गई रकम चुकाई जाएगी।” गौरतलब है कि एलआईसी ने पहले नुकसान में चल रही एयर इंडिया को कर्ज दिया था। हालांकि, अब एलआईसी ने आईपीओ को उतारने का फैसला कर लिया है। ऐसे में यह संगठन अब एयर इंडिया को कर्ज देने वाले कंसोर्शियम का हिस्सा नहीं है।

एयर इंडिया पर कितना है कर्ज?
एयर इंडिया के कर्ज की बात करें तो 31 अगस्त 2021 तक एयरलाइन पर कुल कर्ज 61 हजार 562 करोड़ का था। इस कर्ज का 75 फीसदी (46262 करोड़) स्पेशल पर्पस व्हीकल एआईएचएल को ट्रांसफर करने के बाद इसे टाटा ग्रुप को सौंपा जा रहा है। एयर इंडिया के इंडियन एयरलाइंस से मर्जर के बाद इस एयरलाइन को साल 2007-08 से नुकसान होना शुरू हो गया था।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी »