अब हर वो छात्र जो प्रवेश परीक्षा देने के बाद मेरिट लिस्ट में अपना जगह न बना पाने के कारण अपने पसंदीदा कॉलेज में दाखिला पाने से वंचित हो जाते हैं। अब उन्हें निराश होने कि आवश्यकता नहीं है, क्यों कि विश्वविद्यालयों के आलांवा देश भर के लगभग सभी ऑटोनॉमस कॉलेज जूलाई से डिस्टेंस लर्निंग कराने में सक्षम हो जाएंगे। आपाको बता दें कि केंद्र सरकार नई शिक्षानीति के तहत सभी कॉलेजों के लिए बड़ा सुधार करते हुए ऑनलाइन शिक्षा क्षेत्र को खोल दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 900 अतिरिक्त कॉलेजों के छात्रों को ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय नई शिक्षा नीति 2020 के अुरूप होगा। ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्र दूरस्थ रूप पढ़ाई व डिग्री प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
गौरतलब है कि वर्तामान में विश्वविद्यालय के अलांवा अन्य किसी के संस्थान के पास ऑनलाईन शिक्षा व डिग्री देने की मान्यता नहीं है। अब से यूजीसी के हरी झण्डी मिल जाने के बाद सभी कॉलेजों के पास इस तरह की व्यवस्था संचालित करने का अधिकार हो जाएगी। इसके लिए कॉलेजों को सभी गाइड लाईन का पालन करते हुए यूजीसी से पूर्व में अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस डिजीटल कार्यक्रम के अंतर्गत विषयों को सीखने के तरीके पारंपरिक कार्यक्रम से बिलकुल हट होंगे। यूजीसी इस कार्यक्रम का रूप रेखा मार्च 2022 तक कर सकता है। मौजूदा यूजीसी (OADLAOP) रेगुलेशन 2020 में संशोधन के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इस सप्ताह में सभी स्टेक होल्डर द्वारा फीडबैक के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रोग्राम को लेकर यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि यदि हम केवल विश्वविद्यालय से चिपके रहते हैं तो यह सीमित हो जाता है। देश में बड़ी संख्या में उच्च स्वायत्त महाविद्यालय हैं। इससे सीखने वालों तक पहुंच बढ़ेगी।
बता दें कि इन दिनो बिहार में NEET 2021 के छात्रों को प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों में अधीक फीस देनी पड़ सकती है। क्यों कि प्राईवेट कॉलेज ने इस समय लगभग डेढ़ गुना फीस बढ़ा दिया है। उदाहरण के तौर पर आरडीजेएण मिडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए 18 लाख रूपए फीस है।