–गिरीश पंकज
सत्ता नाशवान होती है । कब कुर्सी हाथ से खिसक जाए, पता ही नहीं चलता। मध्यप्रदेश में यही हुआ। भाजपा सरकार के जाने के बाद कमलनाथ सरकार आई और उन्होंने अपने अपने लोगों को यहां-वहां बैठाना शुरू किया।। यहां तक तो ठीक था लेकिन उन्होंने अनावश्यक रूप से कुछ लोगों को हटाना भी शुरू किया। इस चक्कर में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ संजय द्विवेदी को भी अनावश्यक रूप से हटा दिया गया। यह सरासर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई थी। लेकिन इसे संजय द्विवेदी ने सहजभाव से स्वीकारा और अपने प्राध्यापकीय कर्म में लगे रहे। मगर कालचक्र अचानक घूमा। कमलनाथ की कुछ महीनेवाली सरकार अनाथ हो गई और शिवराज सिंह चौहान की सरकार पुनः वापस आ गई । स्वाभाविक है पिछले पीड़ितों को ससम्मान वापस लाने का सिलसिला भी शुरू हुआ। इसी कड़ी में संजय द्विवेदी को पुनः कुलसचिव बना दिया गया । द्विवेदी की वापसी से तमाम छात्र और उनके शुभचिंतक खुश है । सहज- सरल, मिलनसार और जुझारू व्यक्तित्व के धनी और निरंतर सार्थक लेखन करने वाले द्विवेदी की वापसी से विश्वविद्यालय का ही भला होगा। काश, कुलपति पद पर जगदीश उपासने की भी वापसी हो । न्याय तो यही कहता है। श्री उपासने ने कमलनाथ सरकार के आते ही इस्तीफा दे दिया था।
प्रो.संजय द्विवेदी, देश के प्रख्यात पत्रकार, संपादक, लेखक, संस्कृतिकर्मी और मीडिया प्राध्यापक हैं। दैनिक भास्कर, हरिभूमि, नवभारत, स्वदेश, इंफो इंडिया डाटकाम और छत्तीसगढ़ के पहले सेटलाइट चैनल जी 24 घंटे छत्तीसगढ़ जैसे मीडिया संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल में 10 वर्ष मास कम्युनिकेशन विभाग के अध्यक्ष और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रहे। संप्रति जनसंचार विभाग में प्रोफेसर और ‘मीडिया विमर्श’ पत्रिका के कार्यकारी संपादक हैं। राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया के मुद्दों पर निरंतर लेखन। अब तक 26 पुस्तकों का लेखन और संपादन। अनेक संगठनों द्वारा मीडिया क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित।