ऐसे अज्ञानी और धर्मांध रहबरों से सावधान रहें

–श्याम सिंह रावत तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद जैसी सोच वाले लोगों को अपना रहनुमा मानने वालों को समझने की जरूरत है कि ऐसे जाहिलों की वजह से कभी…

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निज़ामुद्दीन तब्लीगी मरकज़ की हकी़कत

–श्याम सिंह रावत दिल्ली में निज़ामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में पूरे साल भर देश-विदेश से मुस्लिम स्वयंसेवक आते रहते हैं जो एक सप्ताह रुक कर चले जाते हैं। यहां के…

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सवाल : प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और प्रधानमंत्री केयर फंड में अंतर क्या है? इसे आप को जानना चाहिए

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और प्रधानमंत्री केयर फंड में अंतर क्या है । आइए अंतर समझते है #PMNRF और #PMCARE के बीच , तस्वीर-1 ———— ये फर्क समझाने के लिए…

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अब कोरोना टेस्ट रिपोर्ट एक घंटे में, बीएचयू की डा०गीता राय ने खोजी तकनीक

ग़ाज़ीपुर के लिए गौरव का क्षण बीएचयू ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की जांच की एक नई तकनीक खोजने में कामयाबी मिली है। इससे महज घंटे भर में कोरोना संक्रमण की…

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सवालः जब पहले से ही ‘प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड’ है तो फिर ‘पीएम केयर फंड’ का खाता क्यों खोला गया?

जब पहले से ‘प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड (PMNRF)’ बना हुआ है, तो फिर ‘पीएम केयर फंड (PM CARES Fund)’ नाम से नया अकॉउंट बनाने की क्या जरूरत थी? पहले वाले…

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कोरोना तो चला जाएगा लेकिन इन खतरों को भी समझ लीजिए जनाब!

-विनोद रिंगानिया हर संकट में अवसर छिपा रहता है। मैं टूटी हुई कीमतों पर शेयर खरीदने की बात नहीं कर रहा। मैं इस बात की चर्चा कर रहा हूं कि…

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जैसा एक अनुभवी पत्रकार की आंखों ने कलकत्ता को देखा..

कलकत्ता-यात्रा –कृष्णदेव राय,वरिष्ठ पत्रकार वाराणसी बात पुरानी है । आपातकाल समाप्त हो चुका था । पहली बार दिल्ली में गैर-कांग्रेसी सरकार सत्ता में आयी थी । मोरारजी देसाई देश के…

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तो अब उप्र. में मूंछें रखने के लिए भी प्रशासन की मंजूरी चाहिए ?

मामला पूरनपुर के चंदोखा गांव का है, जहां के किसान बेनीराम की बड़ी-बड़ी मूंछों से खार खाए एसडीएम ने उन्हें जबरन कटवा डाला था। इसके विरोध में मंडल के चारों…

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आदमी की आदमीयत जैसे कहीं खो गई है

-श्याम सिंह रावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘प्लास्टिक फ्री इंडिया’ की शुरुआत करते हुए साफ-सुथरे कालीनों पर नई-नकोर टोकरियों के साथ वीआइपी कचरे के पास चौकी पर बैठकर हाथों में…

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विवाह के लाभ

  सुकरात जैसे महापुरुष की पत्नी भी सुकरात से नाखुश थी, बहुत नाखुश थी क्यों? क्योंकि वह दार्शनिक ऊहापोह में ऐसा लीन हो जाता था कि भूल ही जाता था…

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