रेमन मैगसेसे अवॉर्ड में रवीश कुमार का भाषण

नमस्कार, भारत चांद पर पहुंचने वाला है. गौरव के इस क्षण में मेरी नज़र चांद पर भी है और ज़मीन पर भी, जहां चांद से भी ज़्यादा गहरे गड्ढे हैं.…

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भूख के विरुद्ध भात के लिए ,रात के विरुद्ध प्रात के लिए : शैलेन्द्र

–स्मृतियों के पन्ने — दर — पन्ने खुलते रहे और भारतीय हिन्दी साहित्य के साथ ही गीत , कविता ने प्रखर विद्रोही स्वर को स्थापित किया | उसी कड़ी में…

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मारीशस में धूम मचा रही अयोध्या की रामलीला

मारीशस में इन दिनों अयोध्या की रामलीला की धूम मची हुई है। बीती 17 अगस्त को मारीशस गये अयोध्या की रामलीला के कलाकारों का दल वहां विभिन्न स्थानों पर रामलीला…

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लोक-संस्कृति के संवाहक लोकगीत

‘‘लोक न काव्यात्मक कारीगरी जानता है और न अनुचित को उचित सिद्व करने की धार्मिक चतुराई जानता है। लोकगीतों के निर्माता निष्पक्ष सच्चे इतिहासकार थे। उन्होंने किसी सच्चाई को छुपाने…

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भारतीय हिन्दी सिनेमा-कल से आज तक

राज कुमार सिंह भारतीय सिनेेमा के जनक कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के ने ‘‘राजा हरिश्चन्द्र’’ फिल्म बनाकर भारतीय फिल्मों की शुरुआत की सन् 1913 में जो मूक फिल्म थी।…

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भारतीय हिन्दी सिनेमा-कल से आज तक

राज कुमार सिंह भारतीय सिनेेमा के जनक कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के ने ‘‘राजा हरिश्चन्द्र’’ फिल्म बनाकर भारतीय फिल्मों की शुरुआत की सन् 1913 में जो मूक फिल्म थी।…

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“सांवली लड़की “

अंजलि ओझा ईश्वर ने मूलतः दो ही वर्णों का सृजन किया है, ‘श्वेत या गौर’, तथा ‘श्याम या सांवला’।ईश्वर ने स्वयं को ” श्याम” अर्थात् “काला” कहलवाया।वे “गगनसदृशं मेघवर्णं” रुप…

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खनकती आवाज़ के बेताज बादशाह किशोर कुमार

आ चलके तुझे मैं लेके चलूं एक ऐसे गगन के तले…  जब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मजा था जीने में…  -इन गीतों को सुर देने वाले किशोर…

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दो सितारों का जमी पे मिलन आज की रात जैसे नगमे लिखने वाले शकील बदायुनी को याद करते हैं

शकील बदायुनी को याद करते हुए हरि ॐ — मन तरपत हरि दर्शन को आज। अपने कागज के कैनवास पर लिपिबद्द करने वाले मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूनी का…

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कानून ! ये हाथ मुझे दे दे…

-संजीव जायसवाल ‘संजय’ सारी गणित फिट हो चुकी थी । बड़ी-बड़ी पार्टियां गब्बर सिंह को टिकट देने के लिये राजी थीं । राजी क्या थीं बिल्कुल होड़ मची थी ।…

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