मरवाही में यह सवाल बड़ी शिद्दत के साथ पूछा जा रहा है कि अमित जोगी की पार्टी ने आदिवासियों की गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को समर्थन देने के बजाय भाजपा को समर्थन देना क्यों जरूरी समझा ? मरवाही में तीन नवंबर को यह तय हो जाएगा कि वहां की जनता किसे अपना प्रतिनिधि मानती हैं. प्रतिनिधि कौन होगा इसका खुलासा 10 नवंबर को होगा…लेकिन वहां की समझदार जनता सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों में यह सवाल उठा रही हैं कि जब अमित जोगी के पिता श्री अजीत जोगी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रमुख हीरा सिंह मरकाम को बहुत आदर देते थे तो अमित जोगी ने भाजपा को समर्थन क्यों दिया ? अगर आपके आपके पास इसका कोई माकूल सा जवाब हो तो आप भी बता सकते हैं. वैसे जोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मजीत सिंह की डाक्टर रमन सिंह के साथ नजदीकियों को देखकर यह अटकलें भी तेज हैं कि देर-सबेर जोगी कांग्रेस का भाजपा में विलय हो जाएगा.
वैसे अमित जोगी की पार्टी का समर्थन लेकर भाजपा भी बुरी तरह घिर गई है. जिस जोगी से लड़कर भाजपा सत्ता में आई थीं…क्या भाजपा के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि अब उसे जोगी के नाम का सहारा लेना पड़ रहा है ? खबर है कि भाजपा के कई वरिष्ठ नेता इस बात को लेकर खफा है और पार्टी फोरम में दमदार तरीके से इस बात को रखने का मन बना चुके हैं.
–राजकुमार सोनी