विकास से कोसों दूर है भीतरी बाजार

जर्जर है विधानसभा की कई सड़कें
गाजीपुर। जनपद में विधानसभा का चुनाव सातवें चरण में है। चुनावी अखाड़े में उतरे प्रत्याशी अपनी जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। अपने द्वारा कराए गए विकास कार्यों की चर्चा जनता जनार्दन के बीच मे कर रहे हैं और बाकी बचे कार्यों को कराने के लिए एक बार फिर अपना जनप्रतिनिधि चुनने की गुहार लगा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के दावों की सच्चाई जानने के लिए शार्प रिपोर्टर की टीम सैदपुर विधानसभा में पहुंची। यहां के विधायक सुभाष पासी समाजवादी पार्टी के टिकट पर दो बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं 2022 के विधानसभा चुनाव में हुए भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी में शामिल होकर भाजपा से चुनाव मैदान में है। अपने विधानसभा में जातिवाद, धर्मवाद, क्षेत्रवाद की राजनीति से उपर उठकर जन विकासवाद, समाजवाद की राजनीति करने का दावा करते हैं। जब हम विधायक सुभाष पासी के इन्हीं दावों की पड़ताल करने उनकी विधानसभा में स्थित भीतरी बाजार में पहुँचे तो भीतरी बाजार की स्थिति गांव से विपरीत नजर आई। की जहां सैदपुर से शादियाबाद जाने वाली मुख्य सड़क बेहद जर्जर हालत में थी तो वहीं देवकली जाने वाले मार्ग पर स्थित पुलिस चौकी के सामने भी बड़े बड़े गड्ढे थे। भीतरी बाजार के तिराहे पर फल की दुकान लगाने वाले एक व्यापारी का कहना है कि सत्ता चाहे जिसकी हो, भीतरी बाजार की हर सरकार में उपेक्षा की जाती है हर बार यहां की सड़कें इतनी खराब गुणवत्ता की बनती हैं कि एक साल के भीतर ही टूट जाती हैं जिससे हमें कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाजार के निवासी जावेद खान गड्ढे में तब्दील सड़क को दिखाते हुए कहते हैं कि – ज़रा सी बारिश में गड्ढों में पानी भर जाने से इनकी गहराई का पता नहीं चलता जिससे नये राहगीर अक्सर गड्ढे में फँस कर गिर जाते हैं। हम सड़क निर्माण के लिए पत्रक के माध्यम से डीएम और विधायक सुभाष पासी से कई बार गुहार लगाने के साथ साथ सड़क पर जलभराव को लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं इसके बावजूद भी बाजार की सड़क तीन सालों से जर्जर अवस्था में है। वास्तव में अगर कोई प्रत्याशी अपने आप को सुभाष पासी से बेहतर और विकास की नई रूपरेखा जनता के बीच में रखने में कामयाब हो जाता है तो लड़ाई रोचक हो जाएगी। अब देखना यह है कि विधानसभा के वर्तमान प्रत्याशियों में से कौन जनता का विश्वास प्राप्त कर अपने माथे पर जीत का सेहरा सजाने में कामयाब होता है। जनता प्रत्याशियों की किस्मत अपने वोट से 7 मार्च को ईवीएम में कैद कर देगी और उसका परिणाम 10 मार्च को आएगा।

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