अखिलेश बोले-एसआईआर में जाति का कॉलम भी बढ़ाया जाए; भाजपा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पार्टी
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लखनऊ। सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जाति का कॉलम भी बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चैट जीपीटी की मानें तो आरएसएस ने ऐसा वातावरण पैदा किया, जिससे नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की। भाजपा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पार्टी है। साथ ही कहा कि सपा की सत्ता आने पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर तकनीकी विश्वविद्यालय बनाएंगे।
प्रदेश सपा मुख्यालय पर वल्लभ भाई पटेल और समाजवादी चिंतक नरेंद्र देव की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा कि सरदार पटेल का जो रास्ता था, वही पीडीए का रास्ता है। भाजपा सरकार पटेल के विचारों के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरदार पटेल ने नफरत फैलाने पर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।
अखिलेश ने कहा, माफिया विकास दुबे की गाडी इसलिए पलटाई गई थी कि कहीं उसके खुलासों से सरकार न पलट जाए। उन्होंने फिर दोहराया कि कानपुर के अखिलेश दुबे को भी सत्ता के संरक्षण के चलते बचाया जा रहा है। उन्होंने दीपोत्सव को लेकर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप मीडिया पर लगाया।
उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर जितना भेदभाव भारत में हुआ, उतना दुनिया के किसी अन्य देश में नहीं दिखा। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मेरठ में दुकानें गिराए जाने पर कहा कि भाजपा सरकार उन्हें वोट देने के एवज में रिटर्न गिफ्ट दे रही है। नेहरू के कारण कश्मीर का भारत में विलय न हो पाने संबंधी सत्ता पक्ष के बयान पर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बताए कि 2014 में और आज भारत का कुल क्षेत्रफल कितना है। उन्होंने अमेरिकी टैरिफ को लेकर भाजपा सरकार की नीतियों पर निशाना साधा।
अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा, मैं तेजस्वी से कहूंगा कि वे बिहार में अडानी का एक रुपये भी वापस कर दें और 10 हजार लोगों को नौकरी देने का शपथपत्र उनसे से ले लें। यहां बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में अडानी को एक रुपये लीज पर जमीन देने की आलोचना की थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि जानकारी मिली है कि भाजपा सरकार मंडियों को निजी हाथों में सौंप रही है। किसानों के दबाव में रद हुए तीन कृषि काले कानूनों में मंडियों का निजीकरण भी शामिल था, जिसका विरोध किया गया था। अब पिछले दरवाजे से उन्हीं फैसलों को पुनः लागू किया जा रहा है।
