पत्थर खदान के दौरान हादसा, पोकलेन बकेट के नीचे दबकर मुंशी की मौत; शव लेकर भाग रहे थे ठेकेदार के गुर्गे
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मिर्जापुर। खनन इलाके के बगहिया पत्थर खदान में बृहस्पतिवार की सुबह पत्थर लोडिंग के दौरान लोडर पोकलेन की बकेट सर में टकराने के बाद उसके नीचे दबकर खदान मुंशी की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद मामले को दबाने के लिए ठेकेदार के गुर्गे शव को पन्नी में लपेटकर चार पहिया वाहन में डालकर भागने लगे। जानकारी होने पर ग्रामीणों ने हंगामा किया। चकिया बॉर्डर के पास अमरा गांव के पास शव लेकर भाग रहे वाहन को रोक लिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में ले लिया। एसएसपी, एसडीएम चुनार व सीओ चुनार मौके पर थानों की फोर्स के साथ पहुंचे। चंदौली के मुबारकपुर चकिया निवासी जयहिंद उर्फ गोलू यादव (32) बगहिया के पत्थर खदान में मुंशी का काम करता था। बृहस्पतिवार की सुबह सात बजे मुंशी कार्य कर रहा था। लोडर से पत्थर लोडिंग के दौरान पोकलैंड का बकेट सिर में टकराने के बाद उसके नीचे दबकर खदान मुंशी की मौके पर मौत हो गई। हादसे के बाद खनन इलाके में हड़कंप मच गया। खनन पट्टा धारक के कारिंदों ने आनन-फानन में शव को चार पहिया वाहन में डालकर घटनास्थल से भाग गए। ग्रामीणों को हादसे का पता चला तो पुलिस को सूचना देकर हंगामा करने लगे। ग्रामीण बाइक से शव लेकर भाग रहे वाहन का पीछा कर चंदौली के अमरा बॉर्डर पर घेर कर रोक लिए, शव बरामद किया।
घटना की जानकारी होते ही मृतक के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। नाराज ग्रामीण परिजनों के साथ मिलकर हंगामा करने लगे। तनाव बढ़ता देखकर चुनार, अदलहाट, जमालपुर थाने की पुलिस फोर्स को घटनास्थल पर बुला लिया गया।
एसएसपी सोमेन बर्मा, उप जिलाधिकारी चुनार राजेश कुमार वर्मा, क्षेत्राधिकारी मंजरी राव ने परिजनों को सांत्वना देते हुए आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। समझाने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मृतक जयसिंह की शादी अहरौरा थाना के जिगना गांव में सुस्मिता यादव से हुई थी। उनसे एक तीन वर्ष की पुत्री व डेढ़ वर्ष का पुत्र है। थानाध्यक्ष सदानंद सिंह ने कहा कि खदान मुंशी कि हादसे में मौत है। घटना की जांच कराई जा रही है। तहरीर नहीं मिली है। मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
खदान पर हादसे में मुंशी के मौत होने की बात की जा रही है। खदान मालिक द्वारा परिजनों को पैसा देकर मामले को रफा-दफा करने की भी चर्चा रही। सवाल यह उठता है कि हादसा था तो फिर शव को पन्नी में लपटे कर क्यों ले जा रह थे। अगर ग्रामीणों को हादसे का पता न चलता तो शायद शव और घटना को भी छिपा लिया जाता। दूसरी बात यह कि क्या परिजनों के शिकायत न करने पर मुंशी के मौत की जांच पुलिस नहीं करेगी।
खनन पट्टा चंदौली के एक राजनैतिक पार्टी से जुड़े व्यक्ति का है। सुबह मुंशी की पोकलैंड के बकेट से दबकर मौत होन के बाद वहां के कर्मचारी शव को पन्नी में लपटेकर गाड़ी में रखकर चंदौली की ओर ही भाग रहे थे। मौके पर पहुंचे मृतक के मौसा ने बताया कि यहां बताया गया कि पोकलैंड से लगने से नीचे गिर गया।
इससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद घर पर सूचना देना चाहिए पर प्लांट वाले घर पर सूचना न देकर शव लेकर भागने का प्रयास किए। अमरा के पास ग्रामीणों ने घेर कर पकड़ा है। प्लांट मालिक का कहना है कि दवा के लिए बोला था। दवा के लिए लेकर जा रहे थे पर शव लेकर भागने वाले पन्नी में लपटेकर ले जा रहे थे। दवा के लिए पन्नी में लपेट कर नहीं ले जाया जाता है। अगर हत्या नहीं हुआ और काम करते हुए घटना घटी तो परिवार को सूचना देनी चाहिए थी। शव को छिपाने का प्रयास किया गया। मुआवजे के लिए जो मांगा गया था, वो नहीं मिला। संतुष्ट के लिए मुआवजा मिला है। अहरौरा क्षेत्र के खदान पर एक मजदूर की मौत होने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। हादसे में जयहिंद की मौत हो गई। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजन तहरीर देते हैं तो प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। – सोमेन बर्मा, एसएसपी
