कानपुर में चक्रवाती बारिश… कन्नौज में तूफान ने मचाई तबाही; बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात से बदला मौसम
1 min readकानपुर/कन्नौज। मानसून की विदाई के बाद कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस वजह से शनिवार रात और रविवार को दिन में अलग-अलग इलाकों में तेज रफ्तार से हवाएं चलीं और बारिश हुई। रविवार को कानपुर में हवा की रफ्तार 20 किमी प्रति घंटा रही और आठ मिमी बारिश हुई। कन्नौज के तिर्वा में 60 किमी की रफ्तार से आए तूफान से भारी नुकसान हुआ। फतेहपुर, कानपुर ग्रामीण, कानपुर देहात में भी इसी तरह की स्थिति रही। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात को इसकी वजह बताया जा रहा है। कन्नौज के तिर्वा में शनिवार शाम आए चक्रवाती तूफान से बिजली के 40 पोल और 3 ट्रांसफार्मर गिर गए। बिजली गुल होने से 20 गांवों की करीब 45 हजार आबादी प्रभावित हुई। बिजली विभाग को 17 लाख रुपये का नुकसान हुआ। धान, मक्का की फसल चौपट, कई पेड़ उखड़ गए। एक दिन पहले कानपुर ग्रामीण क्षेत्र के सरसौल और बिल्हौर के 10 किमी के दायरे में 40 किमी की रफ्तार से हवा चली। जिससे कई पेड़ और बिजली के खंभे भी गिर गए थे। बिधनू में शनिवार रात बारिश के साथ आई तेज आंधी से धान, बाजरा की सैकड़ों बीघा फसल गिरकर नष्ट हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान रिंद के किनारे स्थित इकडरिया, बकौली व आसपास के गांवों के किसानों का हुआ है। कन्नौज में चक्रवाती तूफान ने तहसील क्षेत्र में रविवार को कहर बरपाया। खेतों में खड़ी धान, मक्का समेत कई फसलें तूफान व बारिश से नष्ट हो गईं। तूफान में तेज हवा के झोंको से पोल टूट कर गिर पड़े। इससे बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई। कई पेड़ उखड़ गये, तो कई जगहों पर नवरात्रि के पर्व में लगे मां दुर्गा के पंडाल हवा के झोंकों में उखड़ गए। शनिवार की शाम अचानक आए चक्रवाती तूफान ने तहसील क्षेत्र के फखरपुर बरेवा, दन्नापुर्वा, उदईपुर्वा, भुन्ना ,जनेरी, भिखनीपुर्वा, चंदौली, इनायतपुर, होलेपुर, भदौसी, बसाऊनपुर्वा, ठठिया, बेहटा, अचनकापुर, गढिया, कुरशारा, दौलतपुर गांव में जमकर तबाही मचाई। तेज हवा के साथ हुई बारिश से खड़ी धान व मक्का की फसलें नष्ट हो गईं। आलू की बुआई कर चुके थे उनके खेत में पानी भर गया। मकानों के टीनशेड उखड़ कर दूर जा गिरे। पोल ट्रांसफार्मर समेत टूट कर गिर गये, तो पेड़ टूटकर सड़कों पर गिर पड़े, जिससे आवागमन बाधित हो गया। ग्रामीणों ने खुद पेड़ हटा कर रास्ता खोला। इसी दौरान तूफान में फंसे लोग तेज हवाओं से बचने का प्रयास करते रहे। ठठिया कस्बे में ईठ भट्ठे के निकट बिजली का पोल ट्रांसफार्मर समेत गिर गया। यही नहीं कस्बा ठठिया में तपेश्वरी मंदिर पर भक्तों ने मां का पंडाल सजाया था, वह भी उखड़ गया। कई मूर्तियां टूट गईं। तहसीलदार अवनीश कुमार ने बताया कि भुन्ना गांव में तूफान के दौरान एक दीवार गिरने से दो बकरियों की दबकर मौत की जानकारी हुई है। इसके अलावा फसलों के नुकसान को लेकर लेखपालों से सर्वे कराकर शासन को रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी।
चंद्रशेखर आजाद कृषि विवि. के मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ दिनों तक वातावरण में गर्मी अधिक होने की वजह से हवाएं ऊपर की ओर चली गई हैं, ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बढ़ जाती है। उस खाली स्थान को भरने के लिए चक्रवाती हवाएं तेजी से आती हैं, जिससे आंधी के साथ बारिश होती है। इस वजह से कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में छिटपुट स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है।