सामूहिक हत्याकांड : प्रोफेशनल थे शूटर, सुबेंद्र छिपा तो दरवाजा तोड़ कर मारी गोली; दिल दहला देगा ये सच
1 min readवाराणसी। पुलिस अफसरों ने बताया कि क्राइम सीन से जो समझ में आया है, उसके अनुसार वारदात को अंजाम देने वाले शूटर प्रोफेशनल थे। शूटरों ने पूरे परिवार की गतिविधियों की रेकी की। इसके बाद उपयुक्त समय देखकर राजेंद्र की पत्नी और तीनों बच्चों के सिर में एक से अधिक गोली मारी। राजेंद्र की दाईं कनपटी और सीने पर गोली मारी गई थी। बदमाश पूरी तरह से आश्वस्त होकर जाना चाहते थे कि कोई जिंदा बचने न पाए। गोली चलने की आवाज सुनकर छोटा बेटा सुबेंद्र बाथरूम में छिप गया तो बदमाशों ने दरवाजा तोड़ कर उसे गोली मारी है। सुबेंद्र के सिर पर बैट से भी वार किए जाने की बात सामने आई। पुलिस सिगरा स्थित सिटी कमांड सेंटर से कनेक्ट सीसी कैमरों के महाजाल के फुटेज को भी खंगाल रही है। राजेंद्र के घर रेनू खाना बनाती थी। जिया बर्तन धोती थी और रीता सफाई करती थी। रेनू ने बताया कि सोमवार की शाम उसे काम था, इसलिए वह रोटी-सब्जी बनाकर शाम छह बजे चली गई थी। उस समय घर पर सिर्फ सुबेंद्र और गाैरांगी ही थे। रेनू ने कहा कि पूरा परिवार बहुत अच्छा था। कभी आपस में कहासुनी भी नहीं होती थी।
उसने बताया कि नमनेंद्र भैया बंगलूरू में किसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे। वह दीपावली के पहले आए थे और छठ मनाने के बाद उन्हें वापस जाना था। गौरांगी और सुबेंद्र शहर के एक नामी स्कूल में कक्षा 10 और आठ में पढ़ते थे। गौरांगी का हाल में परीक्षा में कम नंबर आया था तो उसकी मां ने उसे डांटा था।
कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या के बाद उनके बेटों विक्की व जुगनू और बेटी डाली का पालन-पोषण राजेंद्र गुप्ता ने ही किया था। डाली की शादी डेढ़ साल पहले उसने दिल्ली में की थी। विक्की और जुगनू उर्फ प्रशांत दिल्ली और बंगलूरू में रह कर काम करते हैं। दीपावली पर विक्की आया था और फिर वापस चला गया था। इंस्पेक्टर भेलूपुर ने बताया कि जुगनू वाराणसी आ गया है। विक्की से संपर्क नहीं हुआ है। वह किसी का फोन नहीं रिसीव कर रहा है। दोनों भतीजों के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है।