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आक्रामक मायावती ने खुद संभाली कमान

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युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए बनाया ये प्लान, इन जिलों में बड़ा फेरबदल
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को जोड़ने के लिए अभियान चलाने की घोषणा की। साथ ही, कई जिलों में भाईचारा कमेटियों का गठन भी किया है। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में ओबीसी समाज की राज्य स्तरीय विशेष बैठक में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलितों की तरह ही पिछड़े वर्गों के लोगों के प्रति केंद्र व राज्य सरकारों का जातिवादी, द्वेषपूर्ण व संकीर्ण रवैया रहा है। उनका शोषण और तिरस्कार हो रहा है। लिहाजा बहुजन समाज को आपसी भाईचारा के आधार पर संगठित करके व राजनीतिक शक्ति बनाकर सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए अभियान शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान गांव-गांव में लोगों को कांग्रेस, भाजपा व सपा के दलित व अन्य पिछड़े वर्ग विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे के साथ-साथ इनके द्वारा लगातार किए जा रहे छल तथा इन बहुजनों को उनके हक व न्याय से वंचित रखे जाने के बारे में जागरूक किया जाएगा। हमेशा अलग-थलग व बिखरे ओबीसी समाज के लोगों को मंडल आयोग की सिफारिश को लागू कराकर आरक्षण का संवैधानिक हक दिलाने से लेकर अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बसपा ने पार्टी व सरकार के स्तर पर जो ऐतिहासिक कार्य किए।
वर्ष 2012 में यूपी में बसपा के सत्ता से बाहर होने के बाद दलित व ओबीसी विरोधी ताकतों के सत्ता में आने से इन वर्गों के हालात फिर से लगातार बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्गों के उत्थान के लिए इनकी सही-सही जनसंख्या एवं स्थिति जानना भी जरूरी है, जो केवल जाति आधारित जनगणना से ही संभव है। बैठक में आमजन की इस धारणा को स्वीकार किया गया कि गांधीवादी कांग्रेस, आरएसएसवादी भाजपा एवं सपा व इनकी पीडीए, जिसे लोग परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी भी कहते हैं, इसमें बहुजन समाज में से खासकर ओबीसी समाज के करोड़ों बहुजनों का हित कभी भी ना कभी सुरक्षित था और ना ही आगे सुरक्षित रह सकता है।
नई पीढ़ी को जोड़ने की कवायाद-बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पूरे देश में जिला स्तर पर विचार-संगोष्ठी के रूप में मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग इस बार अपने पूरे परिवार के साथ खासकर युवा पीढ़ी को भी कार्यक्रम में लेकर आएं। सभी संतों, गुरुओं एवं महापुरुषों आदि की जयंती व पुण्यतिथि के कार्यक्रम में भी अपने पूरे परिवार के साथ शामिल हों, जिससे युवा पीढ़ी अपनी पार्टी व मूवमेंट से अलग नहीं होगी। ऐसा करने से पार्टी को महिलाओं व युवाओं के लिए अलग से कोई फ्रंट आदि नहीं बनाने पड़ेंगे।
कई जिलाध्यक्ष भी बनाए गए-इसके अलावा पार्टी ने कई जिलों के जिलाध्यक्ष भी घोषित किए हैं। अयोध्या मंडल के तहत अयोध्या में कृष्ण कुमार पासी, अंबेडकरनगर में सुनील सावंत गौतम, सुल्तानपुर में सुरेश कुमार गौतम, अमेठी में दिलीप कुमार कोरी, बाराबंकी में कृष्ण कुमार रावत, प्रयागराज में पंकज कुमार गौतम, महाकुंभ मेला में सतीश जाटव, फतेहपुर में डॉ. दीप गौतम, प्रतापगढ़ में सुशील कुमार गौतम, कौशांबी में राकेश कुमार गौतम, मिजार्पुर में राजकुमार भारती, सोनभद्र में रामचंद्र रत्ना, भदोही में शिवनारायण गौतम को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
इन जिलों में बनाए गए भाईचारा संगठन के संयोजक
लखनऊ – राकेश कुमार गौतम, एडवोकेट विनय कश्यप
प्रयागराज – अवेधश कुमार गौतम, अनिल सिंह पटेल
महाकुंभ जिला – प्रवीण गौतम, विकास पाल
फतेहपुर – रिंकू गौतम, रामशरन पाल
प्रतापगढ़ – डॉ. शोभनाथ गौतम, बांके लाल पटेल
कौशांबी – मनीष निषाद, पप्पू निषाद
अयोध्या – रोहित गौतम, विजय वर्मा
अंबेडकरनगर – कृष्णकांत अंबेडकर उर्फ पंकज, मनोज कुमार वर्मा
सुल्तानपुर – दीपक भारती, नन्हे लाल निषाद
मिजार्पुर – संतोष कुमार, संतोष कुमार पाल
सोनभद्र – परमेश्वर, रमेश कुमार कुशवाहा
भदोही – रामसनेही गौतम, बंशीधर मौर्य
अमेठी – विद्या प्रसाद गौतम, रमेश कुमार मौर्या
बाराबंकी – प्रदीप कुमार गौतम, माधव सिंह पटेल
कौशांबी – मोतीलाल अंबेडकर, रमेश गौतम
हरदोई – रणधीर बहादुर, मुकेश वर्मा
लखीमपुर खीरी – रणजीत गौतम, राधेश्याम कश्यप
सीतापुर – ज्ञानेंद्र चौधरी, कौशल वर्मा
रायबरेली – संतोष कुमार गौतम, गिरजा शंकर लोधी
उन्नाव – रामशंकर गौतम, रामकिशोर पाल

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