PMO के आदेश पर सक्रिय हुआ CM आफिस, शिब्ली में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान की जांच शुरू
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सीएम आफिस के आदेश पर DM ने दिया SP City को जांच
आजमगढ़/लखनऊ। चर्चित शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ के प्राचार्य का स्वतंत्रता दिवस समारोह में सरेआम राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की जांच पीएमओ के आदेश के बाद शुरू हो गई है। जिसकी वीडियो और फ़ोटो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हुआ था। इसकी शिकायत पीएमओ, गृह मंत्रालय से लेकर सीएम और राज्यपाल तक किया गया था। बताते चलें कि पिछले 15 अगस्त-24 स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का सरेआम अपमान किया गया था। यह अपमान स्वयं प्राचार्य प्रोफेसर अफसर अली द्वारा किया गया। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया नेटवर्क पर खुब वायरल हुई थी। लोगों ने शिब्ली कालेज के प्राचार्य द्वारा किये गये राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को गंभीरता से लिया।
जर्नलिस्ट क्लब ने किया शिकायत:
इस गंभीर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान को पूर्वांचल का प्रसिद्ध पत्रकार संगठन जर्नलिस्ट क्लब ने बेहद गंभीरता से लिया। संगठन ने अपने पैड पर इस गंभीर प्रकरण की शिकायत पीएमओ और गृहमंत्री से लेकर सीएम तक किया। क्लब का मानना है कि यह अनजाने में हुआ अपराध नहीं है बल्कि जानबूझकर कर हमारे राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। यह सरेआम स्वतंत्रता दिवस समारोह में किया गया है। यह एक गलत मानसिकता और अपने को श्रेष्ठ समझने की हीनग्रंथि का द्योतक है। आगे कहा कि एक अनपढ़ भी राष्ट्रीय ध्वज का ऐसा अपमान नहीं करेगा, जो इस प्रिंसिपल ने किया।
जिस झंडे की शान के लिए हजारों मांओं ने अपने लालों की कुर्बानी दी। जिस ध्वज के सम्मान में भारत के ज्ञात अज्ञात लाखों लोगों ने बलिदान दे दिया। जिसकी शान के लिए तीनों सेनाएं, लोकतंत्र के चारों स्तंभों कार्यपालिका,विधायिका, न्यायपालिका और पत्रकारिता प्रण प्राण से लगें हों। जिस राष्ट्रीय ध्वज और उसके सम्मान के लिए भारतीय सेना हांड कंपा देने वाली सर्दियों में माइनस तापमान में भी मुस्तैद रहती है। उस राष्ट्रीय ध्वज का ऐसा अपमान एक अनुदानित अल्पसंख्यक कालेज शिब्ली के प्राचार्य द्वारा इस तरह से किया जाएगा। यह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। यह एक अपराध है राष्ट्रीय सम्मान और उसके प्रतीकों के प्रति, राष्ट्रीय अस्मिता और अखंडता के प्रतीक और शान राष्ट्रीय ध्वज के प्रति। यह एक हीन ग्रंथि है अपने को सर्वोच्च प्रर्दशित करने की, अब चाहे इस उपक्रम में देश का राष्ट्रीय प्रतीक स्वयं क्यो न शर्मसार हो, यह जनाब, उस शिब्ली के प्राचार्य अफसर अली हैं, जहां की सहायक प्रोफेसर नियुक्तियों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। मामला शासन से लेकर उच्च न्यायालय तक चल रहा है। जिसके मुख्य सूत्रधार यहीं जनाब हैं। यह अनजाने में नहीं बल्कि, जानबूझकर किया गया कुकृत्य है। यह भारतीय सम्मान के प्रतीक के प्रति अपमान और हिकारत भरा नजरिया है। यह एक संज्ञेय अपराध है। यह राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम -1971 की धारा -2 के अन्तर्गत संज्ञेय अपराध है। यह अपराध किसी सामान्य अनपढ़ से नहीं बल्कि कालेज के प्राचार्य से हुआ है। इस अपराध के पीछे इनकी मोटिव चाहे जो हो, अपने को सबसे श्रेष्ठ समझने की भावना बलवती होती है। इसका प्रभाव छात्रों और मातहत अध्यापकों पर और आने वाली पीढ़ियों पर क्या पड़ेगा। वह बच्चों के सामने प्राचार्य के रूप में कौन सा आदर्श प्रस्तुत करते होंगे, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। जानबूझकर किए गए इस कुकृत्य के बाद भी वह प्राचार्य पद बने रहने के काबिल नहीं हैं। सरकार नामक संस्था और उसके जिम्मेदार हाकिमों को इसकी सघन जांच और त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान मामले में पीएमओ ने उत्तर प्रदेश सरकार को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। जिस पर 30 अगस्त को मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक शिकायत अनुभाग ने जिलाधिकारी आजमगढ़ को शिकायत की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने 31 अगस्त को अपर जिलाधिकारी प्रशासन को जांच हेतु प्रकरण अंतरित किया। डीएम के आदेश पर एडीएम प्रशासन ने 6 सितंबर को पुलिस अधीक्षक नगर को जांच कर आख्या देने का निर्देश दिया है। एसपी सिटी इस गंभीर प्रकरण की जांच कर रहे हैं। प्रकरण का निस्तारण हर हालत में 14 सितंबर तक करना है। जिसको लेकर शिब्ली नेशनल कालेज में हड़कंप मचा हुआ है।
