प्रदेश में 17 से 19 जुलाई तक बिजली बिल सुधारने का चलेगा अभियान, इस तरह से कम हो सकेगा बिल
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लखनऊ। प्रदेश के हर खंड में 17 से 19 जुलाई तक बिल सुधार महाभियान चलेगा। इसके तहत उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए गलत बिल को ठीक करने, नये संयोजन, भार वृद्धि, खराब मीटर, बिल संशोधन, विधा परिवर्तन, बिल जमा करने एवं अन्य संबंधित शिकायतों का निस्तारण किया जाएगा। पाॅवर काॅर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने बताया है कि उपभोक्ताओं की हर समस्या का त्वरित समाधान किया जा रहा है। इसी के तहत मेगा शिविर का आयोजन हो रहा है। प्रदेश के सभी खंड में 17, 18 और 19 जुलाई को लगने वाले शिविर में उपभोक्ताओं की बिल संबंधी समस्या का समाधान किया जाएगा। मेगा शिविर में प्रत्येक शिकायत का पंजीकरण 1912 हेल्प डेस्क पर सुनिश्चित किया जाएगा। बिल रिवीजन के लिए कार्यवाही एक सप्ताह में पूरी की जाएगी।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने महंगी बिजली खरीद और निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिजली दर की सुनवाई के दौरान बिजली दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज करने के लिए परिषद विधिक तथ्य रखेगा। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव ही असांविधानिक है। पहले उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ रुपया लौटाया जाए फिर बढोतरी पर बात की जाए।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को निजीकरण के जरिए तीन हिस्से में बांटने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जबकि 11 जुलाई को सुनवाई हो रही है। ऐसे में अप्रैल 2026 तक निजीकरण पर बात करना भी असांविधानिक है। इसी तरह वर्ष 2025-26 के लिए करीब 162130 मिलियन यूनिट बिजली खरीदने का प्रस्ताव है, जिस पर 86952 करोड़ खर्च होगा। प्राइवेट सेक्टर से करीब 64805 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी जा रही है, जिसकी लागत 35121 करोड़ प्रस्तावित है। जबकि राज्य विद्युत उत्पादन निगम से 38878 मिलियन यूनिट बिजली करीब 20670 करोड़ में खरीदने का प्रस्ताव है।
