बालक को सांप ने काटा, एंटी वेनम लगवाने के बजाय सिर पर रखवाई अंगारों की कड़ाही, सांसें लौटकर नहीं आईं
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बिजनौर। घर में मोबाइल फोन देख रहे स्योहारा के गांव चंचलपुर निवासी राघव (7) को सांप ने डस लिया। परिजन पहले उसे झाड़फूंक करने वाले के पास ले गए और बाद में सीएचसी में दाखिल कराया। यहां से हायर सेंटर रेफर किया गया तो फिर झाड़फूंक करने वालों के पास लेकर चले गए, जहां उसके सिर पर अंगारों से भरी कड़ाही रखी गई लेकिन बालक को बचाया नहीं जा सका। वहीं सांप कहां चला गया, इसका पता नहीं चल सका।
राघव पुत्र प्रदीप कुमार को बृहस्पतिवार दोपहर 1:30 बजे सांप ने डस लिया। परिजन उसे पहले ग्राम सरकड़ा में एक झाड़फूंक करने वाले के पास ले गए। आराम न होता देख लगभग तीन बजे स्योहारा सीएचसी लाए। यहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। उसके बाद परिजन उसे जिला अस्पताल न ले जाकर हरेवली व ठाकुरद्वारा के गांव फसियापुर ले गए।
वहां से भी आराम न मिलने पर रात आठ बजे घर ले आए। पुत्र के जीवित होने की आस में एक बार फिर परिजन मुरादाबाद के गांव पाकबाड़ा ले गए, लेकिन सांस नहीं आई तो रात 12 बजे लौट आए। परिजनों के पास कोई उम्मीद नहीं बची थी। इसी बीच किसी ने गांव सरकड़ा में होने वाली झाड़फूंक के बारे में बताया।
शुक्रवार सुबह आठ बजे परिजन उसे वहां ले गए। वहां स्थित मंदिर के पुजारी ने अनुष्ठान शुरू किया। अंगारों से भरी कड़ाही बालक के सिर पर कपड़ा बांधकर रखी, ताकि शरीर में गर्मी लौट सके। करीब तीन घंटे तक झाड़फूंक चली। मंत्र जाप और अनुष्ठान के बाद भी मासूम की सांसें नहीं लौट सकीं। पल्स मशीन से बार-बार जांच की गई, लेकिन शरीर में कोई हरकत नहीं हुई।
इस दौरान मां रो-रोकर भगवान से बेटे की जान की भीख मांगती रही। यह मंजर देखकर वहां सबकी आंखें नम हो गईं। पूर्वाह्न 11 बजे जब किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिली तो अनुष्ठान रोक दिया गया। शव को गमगीन माहौल में घर ले जाया गया। बालक का पिता प्रदीप मजदूरी करता है। उसके तीन पुत्रों में राघव दूसरे नंबर का था। शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे रामगंगा घाट पर शव का जल प्रवाह कर दिया गया।
सांप के डसने के बाद झाड़फूंक की नहीं, जहर खत्म करने वाली वेक्सीन की जरूरत होती है। शुक्रवार सुबह 8:30 बजे स्योहारा के मोहल्ला मिल्कियान निवासी मतलूब अहमद (60) ठाकुरद्वारा रोड स्थित आम के बाग में काम कर रहा था। कुछ सामान उठाते हुए एक सांप ने उसके हाथ में डस लिया।
शोर मचाने पर परिजन तुरंत मतलूब अहमद को सीएचसी ले गए। वहां चिकित्सकों ने उनको एंटीवेनम लगा दी। इसके बाद मतलूब अहमद की हालत में सुधार होता चला गया। चिकित्सकों का कहना है कि यदि ग्राम चंचलपुर निवासी राघव (7) को तुरंत सीएचसी लाया जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
