बारिश से ढही कच्ची दीवार, मलबे में दबकर सगी बहनों की मौत; नाना की हालत नाजुक
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सीतापुर। यूपी के सीतापुर में भारी बारिश के बीच सोमवार की सुबह करीब 4.00 बजे एक मकान की कच्ची दीवार ढह गई। मलबे में दबकर नाना और दो पोती घायल हो गईं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से तीनों अस्पताल पहुंचाया। वहां दोनों बहनों की मौत हो गई। जबकि, नाना की हालत नाजुक बनी हुई है। घटना सिधौली इलाके के खैरंदेशनगर ग्रंट गांव की है। गांव निवासी चांदनी (14), शिवांशी (12) और रामपाल (60) घर के बाहर छप्पर के नीचे सो रहे थे। इसी बीच मूसलाधार बारिश से घर की कच्ची दीवार ढह गई। इसके नीचे तीनों दब गए। तीनों को गंभीर हालत में सीएचसी, सिधौली में भर्ती कराया गया। वहां चिकित्सकों ने चांदनी और शिवांशी को मृत घोषित कर दिया।
रामपाल को भी गंभीर चोट आई है। वह अपने कमर से नीचे का हिस्सा उठा नहीं पा रहे हैं। चिकित्सकों ने उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इंस्पेक्टर बलवंत शाही ने बताया कि सुबह करीब 4.00 बजे घटना की सूचना मिली। तीनों लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे में सगी बहनों की मौत हो गई। जबकि, रामपाल को जिला अस्पताल भेजा गया है।
चांदनी और शिवांशी अपने नाना के साथ छप्पर के नीचे सो रही थीं। तभी यह हादसा हुआ। एक ही परिवार की दो बच्चियों की मौत से परिजन बेसुध हैं। नाना रामपाल ने बताया कि दीवार काफी पुरानी हो गई थी। बारिश में गिर गई, इसी वजह से हादसा हुआ। परिजनों ने बताया कि चांदनी कक्षा पांच और शिवांशी कक्षा तीन में पढ़ती थीं। दोनों ही पढ़ने में काफी तेज थीं। गांव में भी सबकी लाडली थीं। उनकी मौत से सब स्तब्ध हैं। सूत्रों के अनुसार घटना की जानकारी नायब तहसीलदार को पुलिस ने करीब सुबह 4.00 बजे ही दे दी थी। हालांकि करीब चार घंटे तक कोई भी राजस्वकर्मी उनके घर नहीं पहुंचा। इस पर पुलिस ने दोबारा फोन कर उन्हें मौका मुआयना करने को कहा। इसके बाद नायब तहसीलदार सत्येंद्र पाल सिंह व क्षेत्रीय लेखपाल मौेके पर पहुंचे। राजस्वकर्मियों ने रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी है। रामपाल ने बताया कि उन्होंने 25 वर्ष पूर्व अपनी बेटी का विवाह प्रमोद से किया था। उनको इकलौती बेटी है तो सभी उनके साथ ही गांव में रहते हैं। चांदनी और शिवांशी कुल छह भाई बहन थे। इसमें एक बड़ी बहन का विवाह हो गया है। दो छोटी बहनें व एक भाई है। घर में एक पक्का कमरा बना है। बाहर की ओर कच्ची दीवार के सहारे छप्पर डाल रखा था। बारिश में दीवार के साथ छप्पर भी गिर गया। इसी के नीचे दबकर दोनों बहनों की मौत हो गई। देर शाम उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
