आईआईटी का काउंसलिंग तंत्र फेल, 22 महीने में सात आत्महत्याएं…प्रबंधन बोला- उठा रहे हैं जरूरी कदम
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कानपुर। कानपुर में नौ प्रोफेशनल काउंसलर, 24 घंटे की ऑनलाइन हेल्पलाइन, डी-एडिक्शन क्लीनिक और हर 30 छात्रों पर फैकल्टी एडवाइजर…आईआईटी कानपुर का मजबूत काउंसलिंग तंत्र एक बार फिर मेधावी की जान बचा पाने में फेल साबित हुआ। काउंसलिंग तंत्र इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग के छात्र धीरज के मन की बात नहीं समझ सका। उसने फंदा लगाकर जान दे दी। यह सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि पिछले 22 महीनों में सात होनहारों ने जीवन लीला समाप्त कर ली। धीरज की मौत ने न केवल पूरे कैंपस को हिला दिया।
बल्कि संस्थान की मौजूदा छात्र कल्याण व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रिवेंशन ऑफ इंडिया फाउंडेशन के जरिये छात्रों, फैकल्टी और हॉस्टल समितियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। हर 30 स्नातक छात्रों पर एक फैकल्टी एडवाइजर तैनात है लेकिन धीरज का यह कदम इन सभी सुविधाओं की प्रभावशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। लगातार बढ़ते मामलों ने आईआईटी कानपुर के माहौल को गहराई से झकझोर दिया है। संस्थान प्रशासन पर दबाव है कि वह मौजूदा काउंसलिंग और हेल्पलाइन तंत्र की समीक्षा कर ठोस कदम उठाए ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।
आईआईटी कानपुर में आत्महत्या करने वाले छात्र का शव दो दिन तक कमरे में पड़ा रहा, लेकिन आईआईटी प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब कमरे से दुर्गंध आने लगी तब छात्रों की शिकायत के बाद छात्र का शव मिलना आईआईटी प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सवाल यह है कि हॉस्टल में दो दिन तक दरवाजा बंद रहने के बावजूद न तो वार्डन को सूचना दी गई और न ही किसी ने छात्र की खोजबीन की।
कमरा बंद होने पर किसी को शक नहीं हुआ
इस लापरवाही ने आईआईटी प्रशासन की संवेदनशीलता और निगरानी व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हालांकि संस्थान के लोगों का कहना है कि संस्थान में छुट्टी का माहौल है। सभी अधिकारी भी संस्थान से बाहर हैं। कुछ छात्र जो घर नहीं जाते वह हॉस्टल में रुके रहते हैं। इस कारण से शायद धीरज के कमरा बंद होने पर किसी को शक नहीं हुआ।
22 महीने में सात आत्महत्याएं
19 दिसंबर 2023– शोध सहायक डॉ. पल्लवी चिल्का।
10 जनवरी 2024– एमटेक छात्र विकास मीणा।
18 जनवरी 2024– पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल।
10 अक्टूबर 2024– पीएचडी छात्रा प्रगति।
10 फरवरी 2025– पीएचडी स्कॉलर अंकित यादव।
25 अगस्त 2025– सॉफ्टवेयर डेवलपर दीपक चौधरी।
01 अक्तूबर 2025– बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र धीरज सैनी।
