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पानी के लिए संघर्ष: ताजनगरी के 12 लाख लोग प्यासे; घर से बाल्टी बोतल लेकर निकली महिलाएं; सरकार से मांग रही पानी

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आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में पीने के पानी की किल्लत बनी हुई है। बुधवार को पानी की समस्या पर राजनगर, यमुनापार, लोहामंडी आदि के लोगों ने वाटरवर्क्स पर बाल्टी लेकर प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए सरकार से पानी की मांग की। बुलंदशहर के पालड़ा में गंगाजल के लिए लगाए गए हेड रेगुलेटर का गेट टूट जाने के कारण पहले छह दिन और अब दो दिन तक आगरा के 12 लाख लोग प्यासे हैं। इसमें सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की लापरवाही सामने आई है। सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने गेट टूटने के बाद मशीनरी और व्यवस्थाओं को तैयार किए बिना ही पानी रोक दिया। बंधा बनाने के लिए जेवर से पाइलिंग शीट तब मंगवाई गई, जब डीएम और नगर आयुक्त ने प्रमुख सचिव सिंचाई से आगरा में बिगड़ रहे हालात की जानकारी दी।

बुलंदशहर के पालड़ा में सिंचाई विभाग ने दो बार बंधा बनाया जो दोनों बार पानी के बहाव में बह गया। रेगुलेटर का गेट टूट जाने के बाद भी सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने पानी रोक दिया, पर कोई व्यवस्था नहीं की। मंगलवार को जब पानी नहीं आया तो नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता को पालड़ा भेजा। वहां पानी की व्यवस्था न देखकर उन्होंने रिपोर्ट दी। इसके बाद डीएम और नगर आयुक्त ने प्रमुख सचिव सिंचाई से बात की। उसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी पालड़ा पहुंचे और जेवर से पाइलिंग शीट मंगवाई गई। जेवर से शीट आने के बाद तब बंधा बनाने का काम शुरू किया गया। इससे पहले छह दिन में गेट लगा सके थे, जबकि पूर्व में महज एक दिन में ही नया गेट लगाया गया है। इस बार इंजीनियरों की लापरवाही से आगरा के लोग आठ दिन से गंगाजल का संकट झेल रहे हैं।

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