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यूपी उपचुनाव: लंबी माथापच्ची के बाद भाजपा ने चला सोशल इंजीनियरिंग का दांव, इस तरह से निकाली जातीय काट

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लखनऊ। लंबी माथापच्ची के बाद नामांकन की अंतिम तिथि से एक दिन पहले भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने कोटे की सभी 8 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। नौवीं सीट मीरापुर से रालोद ने मिथिलेश पाल को प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ ही चुनाव वाली सभी 9 सीटों से एनडीए के प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा ने सबसे चौकाने वाला चेहरा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे से रिक्त मैनपुरी की करहल सीट से उतारा है। यहां से रिश्ते में अखिलेश के बहनोई अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। अनुजेश के प्रत्याशी घोषित होने के बाद सांसद धर्मेंद्र यादव ने अपने बहनोई से रिश्ता खत्म करने का पत्र जारी कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में लिखा है कि भाजपा के किसी भी नेता से हमारा कभी भी कोई संबंध नहीं हो सकता है। अनुजेश अब भाजपा के नेता है, इसलिए अब हमारा उनसे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने मीडिया से अनुजेश को अपने रिश्तेदार के तौर पर पेश न करने का अनुरोध किया है। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी की गई सूची के मुताबिक अंबेडकरनगर के कटेहरी से धर्मराज निषाद, मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, अलीगढ़ के खैर (सुरक्षित) से सुरेंद्र दिलेर, प्रयागराज की फूलपुर सीट से दीपक पटेल, मिर्जापुर के मझवां से सुचिस्मिता मौर्य और कानपुर की सीसामऊ से सुरेश अवस्थी को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट गठबंधन के तहत रालोद को दी है, जहां से रालोद ने मिथिलेश पाल पाल को मौका दिया है। प्रत्याशियों के चयन में भाजपा ने जातिगत समीकरण को साधने का भरसक प्रयास किया है। सीटों के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा ने अपने कोटे की 8 सीटों में पचास फीसदी यानि चार सीट पर ओबीसी और एक सीट पर दलित चेहरा उतारकर मुख्य विपक्षी सपा के पीडीए फार्मूले के सामने कड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश की है। जबकि शेष दो सीटों पर ब्राम्हण और एक सीट पर क्षत्रिय जाति का उम्मीदवार देकर सवर्ण समर्थकों को भी साधने का प्रयास किया है।

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