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जांच में खराब निकली स्मार्ट बिजली मीटर की गुणवत्ता, पावर कॉरपोरेशन की उच्च स्तरीय जांच में खुलासा

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लखनऊ। प्रदेश भर में लग रहे प्रीपेड स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता खराब है। इसमें लगे कई उपकरण मानक के अनुरूप नहीं है। यह खुलासा पावर कॉरपोरेशन की ओर से कराई गई उच्च स्तरीय जांच में हुआ है। काॅरपोरेशन निदेशक ने मीटर लगाने वाली तीनों कंपनियों को नोटिस जारी किया है। ऐसे में स्मार्ट मीटर लगाने का मामला फिर फंसता नजर आ रहा है। वहीं, इन कंपनियों के उपकरणों की जांच कर उन्हें मंजूरी देने वाले अभियंताओं पर भी तलवार लटक रही है। प्रदेश में 3.45 करोड़ विद्युत उपभोक्ता है। अभी तक करीब 2.75 लाख मीटर लगाए जा चुके हैं। पिछले दिनों उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने इनकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पांच फ़ीसदी चेक मीटर नहीं लगाने पर आपत्ति जताई थी। इस पर काॅरपोरेशन प्रबंधन ने आईटी विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर जांच कराई तो सभी वितरण निगमों की ओर से लगाए गए मीटरों में खामियां पाई गईं।

मीटरों में पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड करने के साथ ही आरटीसी दो घंटे में ड्रिप कर रही है। इसका सीधा असर बिलिंग पर पड़ेगा। काॅरपोरेशन के निदेशक वाणिज्य निधि कुमार नारंग ने मीटर लगाने वाली कंपनी जीएमआर, इंटली स्मार्ट और पोलरिस के सीईओ को नोटिस जारी किया है। कंपनियों का जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि मीटरों की गुणवत्ता को लेकर जीटीपी अनुमोदन के समय ही आपत्ति की गई थी। प्रदेश में करीब 90 फीसदी कार्य यही तीनों कंपनियां कर रही हैं। इनमें चीन के कॉम्पोनेंट हैं। अब काॅरपोरेशन को इन कंपनियों को काली सूची में डालकर धरोहर राशि जब्त करनी चाहिए। इन्हें मंजूरी देने वाले अभियंताओं पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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