बिजली के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा, 22 को लखनऊ और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में पंचायत
1 min readलखनऊ। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को लखनऊ में नेशनल कोआॅर्डिनेशन कमेटी आॅफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि उप्र में बिजली के निजीकरण की किसी भी एकतरफा कार्रवाई के विरोध में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा। 13 और 19 दिसंबर को निजीकरण के विरोध में देश भर में विरोध सभाएं की जाएंगी। 22 दिसंबर को लखनऊ में और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में निजीकरण के विरोध में विशाल बिजली पंचायत आयोजित की जाएंगी। एनसीसीओईईई ने निर्णय लिया कि यदि उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की कोई भी एकतरफा कार्रवाई प्रारंभ की गयी तो उसी दिन और बिना कोई नोटिस दिये देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे और देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चंडीगढ़ की विद्युत व्यवस्था जिस दिन निजी कम्पनी को हैंडओवर करने की कार्रवाई की गयी उसी दिन भी इसी प्रकार की राष्ट्रव्यापी कार्रवाई होगी। एनसीसीओईईई ने यह निर्णय भी लिया कि 13 दिसंबर को देश भर में बिजली कर्मचारी निजीकरण विरोधी दिवस के रूप में मनायेंगे। 19 दिसंबर को काकोरी क्रांति के महानायक पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर ह्यशहीदों के सपनों का भारत बचाओ – निजीकरण हटाओह्ण दिवस मनाया जायेगा और पूरे देश में जनपद एवं परियोजना मुख्यालयों पर सभाएं की जाएंगी। एनसीसीओईईई ने निर्णय लिया कि लखनऊ में 22 दिसंबर को विशाल बिजली पंचायत एवं चंडीगढ़ में 25 दिसंबर को विशाल बिजली पंचायत आयोजित की जाएंगी, जिसमें बिजली कर्मियों के साथ बड़ी संख्या में किसान और आम उपभोक्ता सम्मिलित होंगे, जिन्हें बिजली के निजीकरण से उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को होने वाले भारी नुकसान से अवगत कराया जाएगा।