सीएम योगी बोले- एक सरकार ने किसानों पर गोलियां चलवाई…हमारी सकारात्मक सोच ने चीनी मिल दिया
1 min readगोरखपुर। सीएम योगी आदित्यनाथ बस्ती में कर्मादेवी पीजी कॉलेज के 150वें स्थापना दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जिन बातों से पहले हम भागते थे, हमारी सरकारें भागती थीं, उसका परिणाम अनिर्णय की स्थिति होती थी। स्कूल-कॉलेज नहीं खुल पाते थे। मार्डन स्कूल खुलने जैसे जो निर्णय 50 वर्ष पहले होना चाहिए था उसे सरकारों ने बैरियर बनाने का काम किया। अगर उस समय यह स्कूल कॉलेज खुले होते तो आज विकास की मई मंजिल पर पहुंचे होते। जिनके पास संसाधन था वे आगे निकल गए। नर्सिंग, फर्मेसी का क्षेत्र इतना विस्तृत है कि कोई भी बेरोजगार नहीं रहा। जिन दवाओं को दुनिया भर में घूमते थे,उसे यहां की फार्मेसी ने अपने यहां बना लिया। बुंदेलखंड में पांच हजार वर्ग फिट में फार्मेसी पार्क बनाया जा रहा है। कहा, दुनिया के अंदर जितने देश विकसति हैं, उसे वहां के लोगों ने आत्मनिर्भर बनाया है।
योग्यता को महत्व दिया, तकनीकी को अपनाया है। कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प उठाया है। एक ऐसा भारत चाहिए जो स्वावलंबी व आत्मनिर्भर हो। तब भारत विकसित होगा। आज आप दुनिया के अंदर भारत के बिना कोई ध्रुवीकरण नहीं हो रहा। भारत ने 1947 से 2014 तक अपनी आर्थिक वृद्ध को ऊपर-नीचे करते हुए आगे- पीछे किया। लेकिन, 2014 के बाद भारत दुनिया की पांचवीं आर्थिक महाशक्ति बना है। आज हर व्यक्ति के मन में नई आशा है। आज दुनिया इस महत्व को समझ रही है। दुनिया की सौ प्रतिष्ठित कंपनियां हैं उसमें सबसे ज्यादा सीईओ भारत के हैं। आज के समय में तकनीकि से पीछे नहीं भाग सकते। तकनीकी बहुत आगे बढ़ चुकी है। उसके नैतिक मूल्यों को हमें साथ-साथ लेकर चलना होगा। वरना समान के बीच उत्थान व पतन के बीच जूझेगी। मुंडेरवा के किसानों की चर्चा की। बोले, एक सरकार ने किसानों पर गोलियां चलवाई मगर एक सकारात्म सोच वाली सरकार ने शानदार चीनी मिल चल चल रही है। कोइ सोचता नहीं था कि यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी। मेडिकल कॉलेज बस्ती, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, देवरिया में चल रहे हैं। हमें बिना दिग्भ्रमित हुए बिना सकारात्मक कदम उठाते रहना होगा। मनोरमा नदी, मखौड़ा धाम, तपसी धाम की चर्चा की। कहा कि तपसी धाम में भंडारा में हजारों लोग अन्न ग्रहण कर रहे हैं। इंडो-इजराइल फार्म की चर्चा की। मुख्यालय, ब्लाक स्तर पर उत्पादन को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। आम, अमरूद ऐसे औद्यानिक फसलों को आगे बढ़ाकर किसानों की आमदनी बढ़ाया जा सकता है। बताया, जो आम यहां 40-50 रुपये के हैं वही मास्को में सात सौ आठ सौ रुपये में किलो बिक रहा है। आर्गेनिक खेती के लिए निराश्रित आश्रय स्थल , प्राकृतिक खेती के लिए देसी नस्ल गायों को उपयोग कर पाएंगे। जीवन में श्रम का कोई विकल्प नहीं है। कभी भी लक्ष्य तक पहुंचने का शार्टकट नहीं होता। मेहनत, परिश्रम से लक्ष्य तक पहुंचना होगा। कोई भी परिश्रम सही दिशा में किया गया पयास कभी व्यर्थ नहीं होता। कर्मादेवी समूह बेहतरीन संस्थान बनकर उभरेगा।