प्रदेश के आठ मुख्य बिजली अभियंता ले सकते हैं वीआरएस, एक जनवरी को मनाया जाएगा काला दिवस
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लखनऊ। उप्र पावर ऑफिसर एसोसिएशन का दावा है कि बिजली कंपनियों में बड़ी संख्या में अभियंताओं के निलंबन के बाद अब 8 से ज्यादा मुख्य अभियंता स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस ) लेने की तैयारी में है। अगर ऐसा हुआ तो यह ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास का पहला मामला होगा। उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की रविवार को फील्ड हॉस्टल में हुई बैठक में अभियंताओं पर हुई कार्रवाई पर रोष जताया गया। पदाधिकारियों ने कहा कि पहली बार विद्युत वितरण क्षेत्र के आठ मुख्य अभियंता स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस ) की लाइन में लगे हैं । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की वर्तमान में बिजली निगमों में अभियंता अपने मान सम्मान को बचाने के लिए नौकरी के आखिरी समय में स्वयं नौकरी से अपने को अलग कर घर में बैठना उचित समझते हैं।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा महासचिव अनिल कुमार संगठन सचिव बिंदा प्रसाद ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा प्रभाकर सिंह महेस अहिरवार राम सब्द ए के प्रभाकर आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की कि गोपनीय जांच टीम बनाकर जांच कर लिया जाए तो हकीकत सामने आएगी। निजीकरण के विरोध में अभियंता आर पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। रविवार को झांसी में हुई बिजली पंचायत में हर पर संघर्ष का ऐलान किया गया। निजीकरण को लेकर अभियंताओं व अन्य गर्मियों की ओर से लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, दीपक चक्रवर्ती, सरजू त्रिवेदी आदि ने कहा कि निजीकरण के विरोध में 01 जनवरी को बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी बंधेंगे और 01 जनवरी को काला दिवस मनाया जाएगा।
झांसी की बिजली पंचायत में उरई, महोबा, ललितपुर, और झांसी के बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं की भारी भीड़ उमड़ी। झाँसी की बिजली पंचायत में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि बिजली कर्मचारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है और बिजली कर्मी उनके नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे हैं। वर्ष 2016-17 में 41 प्रतिशत हानियां थीं जो वर्ष 2023-24 में घटकर, 17 प्रतिशत हो गई है। बिजली कर्मी अगले एक दो वर्ष में लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। कार्य का अच्छा वातावरण चल रहा था जिसे पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने अचानक निजीकरण की घोषणा कर बिगाड़ दिया है।
5 जनवरी को प्रयागराज में अगली बिजली पंचायत आयोजित की जायेगी। इसकी भी तैयारी शुरू कर दी गई है।
