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अब संपादक नहीं मैनेजर और नौकर मीडिया चलाने लगे हैं!

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मीडिया की गिरती साख – जिम्मेदार कौन विषय पर संगोष्ठी संपन्न 

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ का मंडलीय अधिवेशन निकले विचार 

सम्मानित हुए पत्रकार और साहित्यकार 

आजमगढ़। दिसंबर भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ आजमगढ़ मंडल द्वारा मंडलीय सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज कंधरापुर में किया गया। इस अवसर पर-मीडिया की गिरती साख: जिम्मेदार कौन? विषय पर संगोष्ठी में सार्थक संवाद हुआ।

         इस अवसर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि /मुख्य वक्ता डॉ बालकृष्ण पांडे अपने उद्बोधन में कहा जीवन के सभी क्षेत्रों में गिरावट हुई है। संगठित प्रयास से मीडिया की गिरती साख को बचाया जा सकता है। आज प्रधानमंत्री पत्रकारों के बजाय दूसरों को इंटरव्यू देने लगे हैं। प्रायोजित साक्षात्कार होने लगे हैं। केवल नकारात्मक ही नहीं सकारात्मक समाचार भी जरूरी है। पत्रकारिता की ताकत अभी भी लोगों में कायम है। आत्म नियंत्रण और आचार संहिता पत्रकारिता में भी जरूरी है।

    संगोष्ठी की शुरुआत वरिष्ठ पत्रकार व छायाकार सुनील कुमार दत्ता के विषय प्रवर्तन से हुई जिसमें उन्होंने कहा कि मीडिया में कॉर्पोरेट के प्रभाव ने पत्रकारिता को निरंतर कमजोर करने की दिशा में अपनी पकड़ और जकड़ बढ़ाया है । पत्रकारों की लेखनी को लगाम लगाने का दौर प्रारंम्भ हुआ है। विगत एक दशक से मीडिया की साख: गिरी है।

       राम लखन चौरसिया ने कहा कि एक साहित्यकार और पत्रकार सरकार का नहीं जनता का प्रतिनिधि होता है। उन्होंने स्तरीय साहित्य रचना के लिए साहित्यकारों को आगे आने पर बल दिया।

        डॉ अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकारिता की ताकत सच की ताकत है जो आदर्श स्थापित करती है। पत्रकारिता के मूल्यों की चर्चा जरूरी है। एक समय  पत्रकारिता का उद्देश्य आजादी पाना था , अब पत्रकारिता का उद्देश्य बदलकर सत्ता के साथ कदमताल करना, व्यवसाय करना और मुनाफा कमाना हो गया है। जिससे पत्रकारिता की साख गिरी है। जिसका भयानक परिणाम भविष्य में हमारे सामने आने वाला है । अब संपादक नहीं मैनेजर और नौकर मीडिया चलाने लगे हैं। समाज में नैतिकता का पतन ही मीडिया की गिरती साख का कारण है। कमला सिंह ‘तरकस’ ने कॉर्पोरेट के कुप्रभावों से समाज के हर अंग को बचाने का आह्वान किया।

     मधुसूदन सिंह ने कहा कि पत्रकारिता मिशन से चलकर कमीशन तक पहुंच गई है। विज्ञापनों के दबाव ने स्थिति नाजुक बना दिया है। प्रदीप सिंह ने कहा मीडिया की गिरती साख का कारण हमारा मौन है , इस चुप्पी को तोड़ना जरूरी है ।संगठन के राष्ट्रीय संयोजक भगवान प्रसाद उपाध्याय ने कहा साख बचाने के लिए आत्म चिंतन कर आगे कदम बढ़ाना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि हम सफल होंगे। मदन मोहन पांडे ने सहकारिता के जरिए समाधान की ओर बढ़ाने का पुरजोर आह्वान किया। संगठन के जिला महामंत्री सुरेश चंद्र यादव ने मीडिया की गिरती साख: के लिए जिम्मेदार, देसी- विदेशी पूंजीपतियों के विरोध में पत्रकारों को इंकलाब करने को कहा। संगोष्ठी में शामिल प्रतिनिधियों को साल, सम्मान-पत्र और स्मृति चिह्न  प्रदान कर सम्मानित किया गया। पत्रकारों और साहित्यकारों को विचार व्यक्त करने का अवसर भी दिया गया। सम्मेलन कीअध्यक्षता विनोद कुमार राय प्रबंधक तथा संचालन राम आशीष कनौजिया ने किया । संगोष्ठी का समापन जिला अध्यक्ष दुर्गा राय ने अतिथियों और आए पत्रकार बंधुओं के विचारों का स्वागत, सम्मान के साथ किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सूर्य कुमार मिश्रा, आनंद कुमार पांडे , मंडल अध्यक्ष  कृष्णा मणि शुक्ला, प्रांतीय संरक्षक रामचंद्र राय, शिव गोविंद उपाध्याय, भूपेश सिंह, राजेश गुप्ता , रमेश कुमार यादव आदि संगठन के सदस्य मौजूद रहे।

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