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बिजली का निजीकरण रोकने के लिए नियामक आयोग पहुंचा उपभोक्ता परिषद

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मसौदे को रद्द करने की मांग
लखनऊ। उपभोक्ता परिषद ने शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग में लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल किया। निजीकरण के प्रस्ताव पर पूरी तरह से रोक लगाने और इसे निरस्त करने की मांग की। बताया कि गर्मी का मौसम आने वाला है। ऐसे में उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए निजीकरण के बजाय बिजली व्यवस्था सुधारने पर फोकस बढाया जाए।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को नियामक आयोग के सदस्य संजय सिंह से मुलाकात की। उन्हें परिषद की ओर से लोक महत्व प्रस्ताव सौंपा। इसमें बताया कि केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यों वाली ऊर्जा मंत्री समूह के संयोजक प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा है। बृहस्पतिवार को इस समूह की पहली बैठक में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने उत्तर प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में चौतरफा सुधार और आरडीएसएस में सर्वोत्तम कार्य होने का दावा किया है। ऐसे में मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 में प्रस्तावित निजीकरण मसौदे को तत्काल रद्द किया जाए। दक्षिणांचल व पूर्वाचल के 42 जिलों में ट्रांजक्शन एडवाइजर नियुक्त करने के बजाय सुधार के लिए कार्य शुरू किया जाए। मंत्री समूह ऊर्जा क्षेत्र में सुधार कार्यक्रम की रणनीति बना रहा है। ऐसे में इस रणनीति के सामने आने तक निजीकरण की प्रक्रिया ना की जाए।

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