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यूपी में बढ़ेगा जमीनों का सर्किल रेट, किसानों को मिलेगा बेहतर लाभ; 37 जिलों में पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जमीनों के पुनरीक्षण का काम तेजी से चल रहा है। 15 महीने में 37 जिलों में यह पूरा कर लिया गया है। अन्य जिलों में जल्द ही पुनरीक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। योगी सरकार इसे प्राथमिकता पर कर रही है। जिन जिलों में वर्षों से जमीनों के सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं हुआ, वहां प्राथमिकता पर इसे पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। कुछ जिलों में पुनरीक्षण प्रक्रिया जारी है। वहीं अन्य जिलों में भी इसे जल्द ही शुरू किए जाने की योजना है। जमीन के सर्किल रेट का पुनरीक्षण होने का किसानों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। कानून के अनुसार भूमि अधिग्रहण में किसानों को जमीन का सही मूल्य मिलने का मार्ग प्रशस्त होता है। किसानों को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट के पुनरीक्षण प्रक्रिया को जल्द पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश स्टांप (संपत्ति का मूल्यांकन) की द्वितीय संशोधन नियमावली-2013 नियम 4(1) के तहत डीएम द्वारा अगस्त के महीने में वार्षिक रूप से जिले के विभिन्न भागों में स्थित कृषि व अकृषक भूमि का न्यूनतम मूल्य प्रति हेक्टेयर/प्रति वर्गमीटर की दर निर्धारित किए जाने का उल्लेख है। आवश्यकता होने पर डीएम वर्ष के मध्य में भी सर्किल दर सूची का पुनरीक्षण का कार्य कर सकते हैं। ऐसे में प्रदेश में 1 जनवरी 2024 से लेकर अब तक 37 जिलों में जमीनों के सर्किल रेट के पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हाल ही में समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने पुनरीक्षण की कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था। जिन जिलों में वर्षों से पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, उनमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बागपत, इटावा, कन्नौज, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ, महाराजगंज, कुशीनगर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, एटा, कासगंज, मुजफ्फरनगर, बदायूं, झांसी, जालौन, ललितपुर, संत कबीरनगर, कौशाम्बी व प्रयागराज आदि प्रमुख हैं। इन सभी जिलों में जल्द ही पुनरीक्षण की कार्रवाई शुरू की जाएगी। वहीं शामली, सहारनपुर, मीरजापुर, अलीगढ़, बांदा, हमीरपुर, आगरा, सुल्तानपुर, अमेठी व गौतमबुद्ध नगर समेत कई जिलों में फिलहाल पुनरीक्षण की प्रक्रिया जारी है।

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