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प्रधान संघ ने अधिकारों में बढ़ौतरी के लिए मुख्य सचिव के साथ की बैठक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी घोषणा

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लखनऊ। पंचायतों को अधिक धन तथा प्रधानों को ज़्यादा अधिकार देने की माँग को लेकर प्रधान संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ बैठक की। लोक भवन स्थित सभागार में कृषि उत्पादन आयुक्त की उपस्थिति में आयोजित बैठक में 26 विभागों से संबंधित 38 विषयों पर मंथन किया गया। बैठक में छोटी पंचायतों को अलग से धनराशि प्रदान किए जाने सहित लगभग सभी विषयों पर सहमति की जानकारी संगठन की ओर से दी गई।
इस बैठक में राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ललित शर्मा ने बताया कि बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ में पंचायत सदन के निर्माण पर सहमति व्यक्त की है।
12 हज़ार छोटी पंचायतों को अलग से धनराशि प्रदान करने को शासन ने सहमति दी है। जिला योजना समिति में प्रधानों के मनोनयन के आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। नीति निर्धारण पर प्रकोष्ठ के गठन पर सहमति की जानकारी भी दी गई है ।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग , प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा पी के सुंदरम, पंचायतीराज विभाग की सचिव बी चंद्रकला, विशेष सचिव गृह योगेश कुमार, विशेष सचिव आईटी राहुल कुमार, निदेशक यूपी नेडा अनुपम शुक्ला और पंचायती राज के अपर निदेशक सहित 26 विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन की ओर से राष्ट्रीय महासचिव डाॅ. राजेश सिंह, राष्ट्रीय सचिव गणेश ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष ललित शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष गोपीनाथ गिरी, उपाध्यक्ष श्वेता सिंह, पश्चिम प्रभारी संजय शर्मा, अखिलेश सिंह ,आजमगढ़ जिलाध्यक्ष श्रीराम यादव, अंबेडकर नगर के जिलाध्यक्ष अर्चना सिंह तथा वाराणसी के जिलाध्यक्ष राकेश सिंह ने मांगों पर चर्चा की। बैठक के दौरान के लिए गए मुख्य निर्णय : 1. बिजली बिल में राहत ग्राम सभा के विद्यालयों और पंचायत भवनों की बिजली बिल अब कामर्शियल दर से मुक्त कर दिए गए हैं। 2. प्रबंधन समिति में भागीदारी ग्राम प्रधानों को अब प्राथमिक विद्यालयों की प्रबंधन समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा, 3. धन राशि आवंटन। राज्य सरकार ने 12 हज़ार छोटी ग्राम पंचायतों को 5 से 6 लाख रुपये की धनराशि प्रदान करने के निर्णय लिया है। 4. तालाब पट्टा प्रक्रिया का सरलीकरण अब ग्राम सभा की तालाब पट्टा प्रक्रिया उपजिलाधिकारी द्वारा ग्राम सभा प्रस्ताव पर की जाएगी और संबंधित धनराशि सीधे ग्राम सभा के खाते में जमा होगी। 5. जिला योजना में भागीदारी, जिला योजना में अब दो ग्राम प्रधानों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। 6. पुलिस विभाग के साथ समन्वय बैठक अब हर महीने पुलिस विभाग और उच्च अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक का आयोजन होगा। 7. मनरेगा भुगतान में सुधार, एमजी मनरेगा के अंतर्गत सभी भुगतान ग्राम सभा के माध्यम से किए जाएंगे। 8. ग्राम प्रधानों का मानदेय और पेंशन ग्राम प्रधानों के मानदेय, पेंशन तथा भत्ते को पुन: बहाल किया जाएगा।
9. प्रोटोकॉल का दर्जा : ग्राम प्रधानों को प्रोटोकॉल का दर्जा दिया जाएगा जिससे उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।

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