आजमगढ़: विद्युत निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों की एकदिवसीय हड़ताल, किसान-छात्र-उपभोक्ता भी शामिल
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आजमगढ़ : सिधारी हाइडिल स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघर्ष सहित ऊर्जा क्षेत्र के केंद्रीय संगठनों के आह्वान पर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के पीपीपी मॉडल पर निजीकरण के विरोध में एकदिवसीय सांकेतिक हड़ताल और कार्य बहिष्कार किया गया। इस प्रदर्शन में किसान संगठनों, छात्रों, बुनकरों, व्यापारियों, विद्युत पेंशनर्स और सम्मानित उपभोक्ताओं ने भी हिस्सा लिया।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियां रेलवे, बीएसएनएल, एयरपोर्ट, बंदरगाह और सेल जैसी सरकारी संस्थाओं के निजीकरण की ओर ले जा रही हैं, जिसका जनता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि आजादी के बाद किसानों ने अपनी जमीनें सरकारी संस्थानों के लिए दान दी थीं, ताकि जनहित में कार्य हो, लेकिन वर्तमान सरकार इन संपत्तियों को पूंजीपतियों के हाथों सौंप रही है।
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि उत्तर प्रदेश सरकार का पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम को पीपीपी मॉडल पर निजीकरण का फैसला जनता के साथ छलावा है। इससे बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि होगी, छात्रों के रोजगार के अवसर खत्म होंगे, बुनकरों, किसानों और आम उपभोक्ताओं को बिना सब्सिडी के महंगी बिजली मिलेगी, कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय होगा और महंगाई बढ़ेगी। निजीकरण से प्रदेश लालटेन युग में लौट सकता है।
सभा की अध्यक्षता सैय्यद मुनव्वर अली ने और संचालन प्रभु नारायण पाण्डेय “प्रेमी” ने किया। इस दौरान ई. उपेंद्र नाथ चौरसिया, चंद्रशेखर, राजनरायन सिंह, निखिल शेखर सिंह, सत्या कुमार, अवधेश सिंह यादव, जय प्रकाश यादव, एस.पी. श्रीवास्तव, लालचंद यादव, वेद प्रकाश यादव, ए.एन. सिंह, गिरीश सिंह, रमाकांत यादव, संजीव प्रभाकर, सहदेव राम, अशेष सिंह, बालक राम, संजय मौर्या, नागेंद्र श्रीवास्तव, काशीनाथ गुप्ता, रोशन यादव, राम उजागिर पाल, राम प्रवेश यादव, राजू कुमार, प्रदीप पटेल, संदीप चंद्र, दिलीप कुमार वर्मा, महेश गुप्ता, सुधाकर यादव, तुषार श्रीवास्तव, विद्युत पेंशन प्रकोष्ठ से एस.पी. श्रीवास्तव, आर.सी. चौहान, बंधन यादव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
