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फर्जी डाटा तैयार कर रहे हैं अधिकारी, जनता हमें दे रही है गालियां

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लखनऊ। ऊर्जा मत्री एके शर्मा ने बुधवार को शक्ति भवन में समीक्षा करते हुए कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने उच्च अधिकारियों से कहा कि आप लोग फर्जी डेटा तैयार कर रहे हैं। नीचे ज़मीनी हकीकत एकदम अलग है। जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है वही ऊपर बता रहे हैं। जमीनी हकीकत यह है कि जनता और जनप्रतिनिधि विभाग को गाली दे रहे हैं।

बृहस्पतिवार को शक्ति भवन में ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कई जिलों का दौरा किया। कहीं ट्रांसफार्मर जले हैं तो कही बकाए में पूरे गांव की बिजली काट दी गई है। पुलिस विभाग से भी खराब बिजली विभाग का काम है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। जनता पर क्या बीत रही है और लोग क्या विभाग के बारे में क्या सोच रहे हैं, यह आपको मालूम ही नहीं है। बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है कि ख़ाली बिल के पैसे वसूलने के लिए काम करे। यह एक जनसेवा है और हमें उस हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा।

पूरा फीडर या गांव की लाइन काटने पर फटकारते हुए बोले कि उन उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो समय से बिल भर रहे हैं। उनका जला हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना कौन सा न्याय है। उन्होंने कहा कि आप लोगों के ग़लत और असामयिक निर्णयों का ख़ामियाज़ा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। बार-बार कहने के बावजूद आप लोग सतर्क नहीं हो रहे हो। जैसे संविदा कर्मियों को निकालने का विषय, फ़ोन उठाने का विषय, विद्युत दुर्घटनाओं का विषय।

अफसरों पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप

मंत्री का गुस्सा इतने से भी शांत नहीं हुआ तो उन्होंने कहा कि लगता है बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने के लिए सुपारी ले लिया है। कंप्यूटर के जमाने में एक सामान्य आदमी का 72 करोड़ रुपये का बिल आता है। फिर उसे ठीक करने के लिए पैसा लेते हो तुम लोग। ग़लत जगह विजिलेंस के छापे डाले जा रहे हैं। जहां बड़ी चोरी हो रही है वहां नहीं जाते। पैसा वसूली हो रही है एफआईआर करने के नाम पर। उन्होंने कहा कि मौखिक बोल-बोल कर थक गया हूं। आप लोग बैठक में हमारी बात सुनने के बाद कहीं और से संचालित होकर उल्टा ही करते हो। अब ये सब नहीं चलेगा। मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं। विधानसभा में जवाब देता हूं। आपको किसने अधिकार दिया मनमानी करने का।

बैठक में विद्युत आपूर्ति की स्थिति, उपभोक्ताओं की शिकायतें, ट्रांसफार्मर की क्षति, ट्रिपिंग तथा मानसून जनित व्यवधानों आदि की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार समय से पहले क्षमता वृद्धि (अपग्रेडेशन) की जाए, जिससे ट्रांसफार्मर न जले। ऊर्जा विभाग की छवि को सुधारना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। जो अधिकारी फील्ड में नहीं जाएंगे एवं शिकायतों के प्रति असंवेदनशील रहेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

1. आप लोग अपनी बकवास बंद करिए। मैं आपकी बकवास सुनने को नहीं बैठा हूँ।

2. नीचे ज़मीनी हकीकत एकदम अलग है। जानता को फेस करिए तब मालूम पड़ेगा। मैं कई जिलों का दौड़ा करके कल ही लौटा हूँ।

3. आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। जनता पर क्या बीत रही है और लोग क्या विभाग के बारे में क्या सोच रहे हैं यह आपको मालूम ही नहीं।

4. पुलिस से भी ख़राब काम है आप लोगों का। जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है वही आप लोग ऊपर तक बताते हो।

5. बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है कि ख़ाली बिल के पैसे वसूलने के लिए काम करे। यह एक जनसेवा है और हमें उस हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा।

6. पूरा फीडर या गाँव की लाइन काटने पर फटकारते हुए बोले कि उन उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो समय से बिल भर रहे हैं। उनका जला हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना कौन सा न्याय है।

7. लगता है बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने के लिए सुपारी ले लिया है।

8. कंप्यूटर के जमाने में एक सामान्य आदमी का 72 करोड़ रुपए का बिल आता है। और फिर उसे ठीक करने के लिए पैसा लेते हो तुम लोग।

9. ग़लत जगह विजिलेंस के छापे डाले जा रहे हैं। जहाँ बड़ी चोरी हो रही है वहाँ नहीं जाते। पैसा वसूली हो रही है एफआईआर करने के नाम पर। छोटे उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है।

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