आज़मगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार पर निशाना: सपा MLC बोले- स्वास्थ्य ढांचे में सुधार नहीं तो विकास सपना ही रहेगा
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आज़मगढ़। प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में पिछड़ रहा है। स्वास्थ्य बजट का केवल 68 प्रतिशत खर्च होने पर सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाते हुए एमएलसी शाह।आलम जमाली ने शेष धनराशि का उपयोग न होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पीजीआई, केजीएमसी और लोहिया जैसे संस्थानों की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर है, लेकिन संसाधनों की कमी से ये आबादी के अनुपात में अपेक्षित सेवाएं नहीं दे पा रहे। डब्ल्यूएचओ मानकों के अनुसार डॉक्टरों और बेड की संख्या बढ़ाने पर उन्होंने जोर दिया।
प्रदेश की विशाल आबादी की तुलना अमेरिका जैसे बड़े देशों से करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं उसी अनुपात में विकसित करनी होंगी। अतरौलिया की एक घटना का जिक्र कर उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए और एक अस्पताल के चीफ पर लगे आरोपों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की।
आजमगढ़ जिला अस्पताल की बदहाली का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यहां एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें या तो उपलब्ध नहीं हैं या खराब रहती हैं। रेडियोलॉजिस्ट और डायलिसिस की कमी के कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे कई बार उनकी मृत्यु हो जाती है।
मुबारकपुर स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति पर उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख की आबादी वाले इस नगर में रात में इमरजेंसी सेवाएं लगभग नहीं हैं। न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, आर्थोपेडिशियन, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और ब्लड बैंक जैसी सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने मुबारकपुर में ब्लड बैंक और सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की।
उन्होंने ने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि बजट का पूर्ण उपयोग किया जाए और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बजट की मांग हो। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है, बस उन्हें पर्याप्त संसाधन दिए जाएं। साथ ही, शिक्षा और स्वास्थ्य को प्रदेश विकास की प्राथमिकता बनाने पर जोर दिया।
