बलिया में सांसद ने कसा तंज: एसआईआर पर बोले रमाशंकर राजभर, बीजेपी के इशारे पर चुनाव आयोग गरीबों का काट रहा वोट
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बलिया। बलिया जिले में आंबेडकर तिराहे पर सलेमपुर सांसद रमाशंकर राजभर ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह भाजपा की कठपुतली बन गया है। गरीबों, वंचितों और पिछड़ों का वोट काटने की साजिश चल रही है। सांसद ने दावा किया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) की जमीनी हालत बेहद खराब है। बीएलओ बूथों पर उपलब्ध ही नहीं हैं। घर-घर सर्वे का काम लगभग ठप है।
कहा कि आज तक यह तय नहीं हो पाया कि बीएलओ किस दिन अपने बूथ पर रहेंगे। कई बीएलओ बूथ छोड़कर किसी परिचित के घर जाकर बैठ जा रहे हैं। गरीब मतदाता ठगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जागरूक लोग दस्तावेज जमा कर देंगे, लेकिन गरीब मतदाताओं में फोटो खिंचवाने तक में सक्षम नहीं है। जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में समय लगता है। ऐसे में वह दस्तावेज कहां से जुटाएंगे। गरीब और अनपढ़ मतदाता सबसे ज्यादा नुकसान में हैं। चुनाव आयोग आंखें मूंदे बैठा है।
सांसद ने आरोप लगाया कि आयोग की नीतियों का सबसे ज्यादा असर गरीब, मजदूर और ग्रामीण तबके पर हो रहा है। बीजेपी के इशारे पर आयोग गरीबों और वंचितों को वोट के अधिकार से वंचित कर रहा है। यह लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कदम है।
सांसद ने जिला निर्वाचन अधिकारी और सहायक चुनाव अधिकारी से मांग की कि बीएलओ के बूथ पर रहने का निर्धारित दिन घोषित किया जाए, उसकी खुली घोषणा हो। हर गांव में बताया जाए कि किस दिन बूथ पर फॉर्म भरे जाएंगे। 1200 मानक बनाकर बूथ तैयार किए गए, लेकिन कई गांवों में सिर्फ 10 वोट ही बढ़ सके। इसका खामियाजा किसको भुगतना पड़ेगा। वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभियान को आगे बढ़ाना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि कम से कम तीन महीने इसकी अवधि बढ़ाई जाए। ताकि गरीब मतदाता अपना नाम जुड़वा सकें और बीएलओ पर अनावश्यक दबाव भी कम हो। रमाशंकर राजभर ने कहा कि अधिकारियों का दबाव बढ़ने से बीएलओ तनाव में हैं। अत्यधिक दबाव में आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे मामलों में संबंधित परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
