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कुलाधिपति से सवाल भी पूछेंगे पत्रकार मित्र, यह खुद ही एक सवाल!

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राज्यपाल केवल राज्यपाल भर नहीं होता है। वह सभी राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति भी होता है। महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के पहले दीक्षांत समारोह में कल पधार रहीं कुलाधिपति से क्या विश्वविद्यालय और कुलपति से जुड़े भ्रष्टाचार पर भी सवाल पूछे जाएंगे। जिन पत्रकारों को आमंत्रण मिला है, उन्हें आकाश भर बधाईयां, लेकिन इसी के साथ यह भी बात है कि क्या विश्वविद्यालय से जुड़े भ्रष्टाचार और शैक्षणिक कदाचार पर भी सवाल होंगे। आखिर विश्वविद्यालय की कुलाधिपति जो आ रही हैं.. सवाल तो बनते हैं भाई!- सवाल पहली ही पीएचडी प्रवेश परीक्षा की शुचिता कैसे नहीं बच पायी।

-सवाल कैसे पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में परीक्षा समंन्वयक की बेटी ही बैठ गई और परीक्षा पास कर दी गई।

– सवाल कैसे शिब्ली में 52 सहायक प्रोफेसर की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार होने दिया गया और कुलपति उसे वरदहस्त देते रहे।

– सवाल कमिश्नर की जांच कमेटी में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के बावजूद कैसे वीसी ने अनुमोदन दिया

– सवाल कैसे जब एक बाबू और चपरासी की भर्ती में लिखित परीक्षा होती तो सहायक प्रोफेसर की 52 नियुक्तियां बिना लिखित परीक्षा के केवल इन्टरव्यू पर कर लिया गया।

-सवाल कैसे प्राचार्य के भाई बहनोई और मैनेजमेंट के रिश्तेदारों की नियुक्तियां हुईं और विश्वविद्यालय प्रशासन अवैध को भी वैध कर दिया।

– सवाल कैसे नकल करते पकड़े परीक्षा केंद्रों पर पुनः परीक्षा केंद्र बना दिया गया।

-सवाल कैसे विश्वविद्यालय की समितियों के निर्माण में मनमानी की गई

– सवाल कैसे यूएफएम कमेटी में मनमानी की गई और जा रही है

– कैसे शैक्षणिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

– सवाल कैसे छात्र संख्या में घटोत्तरी होने लगी है।

इत्यादि अनेक गंभीर सवाल खड़े करने चाहिए। यह आजमगढ़ के शैक्षणिक विकास और संवर्धन का सवाल है। कितने कुलपति आएंगे और चलें जाएंगे लेकिन आजमगढ़ का विश्वविद्यालय रहेगा।इसकी गरिमा और परिवेश नहीं बिगड़ना चाहिए।

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