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समीक्षा बैठक में डीएम ने रोका डीपीआरओ का वेतन, अधिशासी अभियंता विद्युत के खिलाफ पत्र लिखने का दिया निर्देश

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आजमगढ़। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आइजीआरएस पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर शिकायतों के निस्तारण में अधिशासी अभियंता विद्युत, सिंचाई एवं जल संसाधन, जिला पंचायत राज अधिकारी, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, जिला कार्यक्रम अधिकारी के डिफॉल्टर प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिसमे अधिशासी अभियंता विद्युत के 47 प्रकरण समय सीमा के अंतर्गत निस्तारित न होने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए एमडी विद्युत को पत्र लिखने हेतु अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को निर्देश दिए एवं बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी के अनुपस्थित पाए जाने पर एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।

 इसी प्रकार तहसीलवार शिकायतों के निस्तारण में डिफाल्टर तहसीलों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी द्वारा टॉप टेन विभागवार फीडबैक की स्थिति की समीक्षा की गई। जिसमें सीएमओ के यहां 27 असंतुष्ट फीडबैक होने पर जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के आइजीआरएस पोर्टल के प्रभारी को निर्देश दिए कि 27 आवेदनो के असंतुष्ट फीडबैक को देखकर गुणवत्तायुक्त निस्तारण करायें एवं उसकी रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

इसी के साथ ही मुख्यमंत्री संदर्भ में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं समस्त एसडीएम को निर्देश दिया कि अपने संबंधित आइजीआरएस पोर्टल की स्वयं मॉनिटरिंग करें, जो शिकायतें आइजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त हो रही हैं, उसका निस्तारण समय सीमा के अंदर गुणवत्तायुक्त कराएं एवं शिकायतकर्ता से स्वयं बात कर उन्हें संतुष्ट भी करें।

 जिलाधिकारी द्वारा धारा 24 के अंदर लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि धारा 24 के अंदर वाद किसी भी दशा में 90 दिन से अधिक लंबित न हो एवं कानूनगो/लेखपाल की टीम बनाकर अवशेष लंबित वादों को प्रमुखता से गुणवत्तायुक्त निस्तारण कराएं और सभी एसडीएम अपने संबंधित तहसीलों में कितने केस पैमाइश के लंबित है, इसकी सूची बनाकर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को उपलब्ध कराएं।

 इसी प्रकार धारा 116, धारा 80 एवं धारा 34 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि धारा 80 के अंदर वाद 45 दिन से ज्यादा लंबित न हो। उन्होंने निर्देश दिया कि समस्त एसडीएम साप्ताहिक बैठक एवं मॉनिटरिंग करते हुए लंबित प्रकरणों का तत्काल निस्तारण कराएं एवं धारा 34 में लंबित वादों का निस्तारण कर रिपोर्ट तैयार करते समय एक कालम अलग से बनाएं, जिसमें लिखें कि वाद विवादित/अविवादित है।

 इसी के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा 5 वर्ष से अधिक लंबित वादों के निस्तारण की समीक्षा की गई। साथ ही स्वामित्व योजना अंश निर्धारण एवं ऑनलाइन खसरा के फीडिंग की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि जो शिकायतें/वाद लंबित है, उसका गुणवत्तायुक्त निस्तारण कराएं।

 इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आजाद भगत सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी विनय कुमार गुप्ता, समस्त एसडीएम, तहसीलदार एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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