Latest News

The News Complete in Website

प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर साढ़े चार लाख का गबन, फर्जी शिक्षकों की बनाई सूची; हैरान कर देगी ये बात

1 min read

जाैनपुर। जौनपुर के सिद्दीकपुर स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई) में 2019 से 2021 के बीच प्रायोगिक परीक्षाओं के नाम पर करीब 4.50 लाख रुपये का वित्तीय घोटाला सामने आया है। इस मामले में एक साल पहले संयुक्त निदेशक ने शासन को रिपोर्ट भी भेजी थी, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।

इस मामले में जफराबाद विधायक जगदीश नारायण राय ने भी शिकायत की थी। जांच में सामने आया है कि लिपिक सुनील प्रजापति ने 150 शिक्षकों में 120 फर्जी शिक्षकों की सूची तैयार कराई और उनकी आड़ में चार लाख रुपये का वित्तीय गबन किया। 100 से अधिक निजी आईटीआई केंद्रों के साथ मिलीभगत कर फर्जी परीक्षकों से प्रायोगिक परीक्षाएं कराई गईं। हर साल परीक्षा में शामिल 18 हजार में से 15 हजार विद्यार्थियों के पीछे 130 फर्जी शिक्षकों के नाम पर फर्जी भुगतान किया गया। यह घोटाला तब उजागर हुआ जब सुनील प्रजापति का अपने मित्र अभय से वित्तीय गबन के पैसों के बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि अभय ने अपने मित्र नरेंद्र के जरिये पुलिस अधीक्षक से शिकायत करा दी। इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता रमेश चंद्र ने मामला निदेशालय तक पहुंचाया। संयुक्त निदेशक की जांच में 150 शिक्षकों में से केवल 20 से 30 शिक्ष्क ही योग्य पाए गए। संयुक्त निदेशक ने जब प्रायोगिक परीक्षा में शामिल शिक्षकों की सूची मांगी और तथ्य मिलान में 25 में से सिर्फ 4 लोग ही सही शिक्षक पाए गए।

जांच में जो आरोप लगे थे, वह सही पाए गए हैं। मैंने इसकी रिपोर्ट पिछले वर्ष निदेशालय को भेज दी थी। निदेशालय की कमेटी को इस मामले में फैसला लेना है। निदेशालय से निर्देश मिलते ही कार्रवाई करेंगे। – कृष्ण मोहन सिंह, संयुक्त निदेशक वाराणसी

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *