श्रीलंका की जेलों में बंद 395 भारतीय मछुआरों की घर वापसी
1 min readनई दिल्ली। भारत सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भारत सरकार और कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग के प्रयासों से इस साल श्रीलंका की विभिन्न जेलों में बंद 395 भारतीय मछुआरों की वतन वापसी सुनिश्चित हुई है। यह बात विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा श्रीलंका और पाकिस्तान के प्राधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों की संख्या और उनकी रिहाई से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कही।
जयशंकर ने 1 जनवरी से 5 दिसंबर 2024 तक के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि इस साल श्रीलंका ने 535 भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी की और 71 नौकाएं जब्त की। उन्होंने कहा मछुआरों के मुद्दे को द्विपक्षीय तरीके से निपटाया जाता है और सरकार राजनयिक चैनलों, विभिन्न आधिकारिक बातचीत और स्थापित द्विपक्षीय तंत्रों के माध्यम से संबंधित सरकारों के साथ भारतीय मछुआरों और नौकाओं की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन सहित मछुआरों के मुद्दों को उठाती रही है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार श्रीलंका से इस साल 395 मछुआरों की रिहाई हो चुकी है। इसके अलावा 2023 में 240 मछुआरों की गिरफ्तारी हुई थी और कुल 243 मछुआरों की रिहाई हुई थी। 2022 में 268 गिरफ्तारी हुई थी, जबकि 320 मछुआरों की घर वापसी हुई थी।
मंत्रालय ने बताया कि इस साल 1 जुलाई तक पाकिस्तान की ओर से 19 मछुआरों की गिरफ्तारी हुई, मगर इस दौरान किसी भी मछुआरे की रिहाई नहीं हुई। हालांकि 2023 की बात करें तो पाकिस्तान की ओर से उस वर्ष केवल 9 मछुआरों की गिरफ्तारी हुई, जबकि 478 मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित हुई थी।
विदेश मंत्री ने कहा भारतीय मछुआरों की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन का मामला लगातार सभी स्तरों पर संबंधित देशों के साथ उठाया जाता है और यह बताया जाता है कि इस मुद्दे पर पूरी तरह से मानवीय और आजीविका के आधार पर विचार किया जाना चाहिए। हमारे मिशन रिहा किए गए मछुआरों को आवश्यक यात्रा दस्तावेज सहित भारत वापस लाने की हर सुविधा प्रदान करते हैं।
अक्टूबर 2024 में श्रीलंका यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने नए राजनीतिक नेतृत्व के साथ मछुआरों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी। बता दें कि कई बार खराब मौसम और जानकारी के अभाव में भारतीय मछुआरे श्रीलंका या पाकिस्तान के जल क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं, जिसके बाद उन्हें पड़ोसी देशों की नौसेना गिरफ्तार कर लेती है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)