Latest News

The News Complete in Website

क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत-यूएई के बीच रणनीतिक वार्ता

1 min read

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत दौरे पर पहुंचे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान का गुरुवार को गर्मजोशी से स्वागत किया। नाहयान चौथी भारत-यूएई रणनीतिक वार्ता और 15वीं भारत-यूएई संयुक्त आयोग बैठक में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं।

यह यात्रा पिछले एक साल में भारत और यूएई के बीच पांच उच्च स्तरीय वार्ता और आदान-प्रदान की श्रृंखला के बाद हो रही है, जो दोनों देशों की अपने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विशेष रूप से, इसमें अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की सितंबर 2024 में भारत यात्रा शामिल है, जो भारत-यूएई के बीच बढ़ते सहयोग और मजबूत साझेदारी को दिखाती है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा यूएई के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री का स्वागत करते हुए खुशी हुई। भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। हम पश्चिम एशिया और व्यापक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने चौथे भारत-यूएई रणनीतिक वार्ता के हिस्से के रूप में नाहयान के साथ विस्तृत चर्चा की और साथ ही 15वीं भारत-यूएई संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता की। ये वार्ता विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित थी। दोनों नेताओं ने सितंबर 2022 में अबू धाबी में आयोजित 14वीं संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता की थी। वहां दोनों देशों ने भारत-यूएई साझेदारी को और मजबूत करते हुए एक सांस्कृतिक परिषद मंच स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
डॉ. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर अपने विचार साझा करते हुए कहा नई दिल्ली में चौथे रणनीतिक वार्ता की संयुक्त अध्यक्षता करने के लिए यूएई के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री के साथ मिलकर प्रसन्नता हो रही है। रणनीतिक वार्ता एक प्रभावी मंच है जो हमारे नेतृत्व के मार्गदर्शन को वास्तविकता में बदलने में मदद करता है।
विदेश मंत्री ने एक अन्य पोस्ट में बताया कि दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध, ऊर्जा सुरक्षा, रक्षा सहयोग, लोगों के बीच संबंध, सांस्कृतिक और विरासत संबंध तथा दोनों क्षेत्रों की स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने सहित व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। इसके अलावा ध्रुवीय अनुसंधान सहयोग पर समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान भी हुआ।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *