यूपी के ऊर्जा मंत्री बोले- बिजली की स्थिति धरातल पर ठीक नहीं, बेहतरी के लिए कर रहे निजीकरण
1 min readलखनऊ। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग में कमियां हैं। धरातल पर स्थिति अच्छी नहीं है। तमाम प्रयासों के बावजूद बिजली कर्मचारियों के नाक के नीचे और उनकी जानकारी में चोरियां हो रही हैं। प्रदेश को अगर 24 घंटे बिजली देनी है, विकास के पथ पर चलना है तो व्यवस्था का निजीकरण जरूरी है। नोएडा और आगरा में इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
विधान परिषद में सपा के सदस्यों ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये बिजली विभाग के निजीकरण का मुद्दा उठाया था। सपा के मुकुल यादव और शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि पूंजीपति घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार निजीकरण कर रही है।
विभाग की बेशकीमती जमीनों और परिसंपत्तियों को सरकार पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है। अगर चोरी हो रही है तो सख्ती करके उसे रोका जाए। न कि विभाग को पूंजीपतियों को सौंप दिया जाए। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि यह भी बताया जाए कि नई व्यवस्था में आरक्षण की व्यवस्था रहेगी या नहीं। निजीकरण, आरक्षण को खत्म करने की एक साजिश है।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने चर्चा के दौरान कहा कि योगी सरकार ने 1.5 लाख मजरों तक बिजली पहुंचाई है। हवा-पानी के बाद बिजली हर व्यक्ति की जरूरत है। 2001 में गुजरात में जबरदस्त बिजली संकट था। नई व्यवस्था लागू करके वहां अब 24 घंटे बिजली मिल रही है। यूपी में हर यूनिट बिजली पर घाटा है। यहां संगठित चोरी हो रही है। संभल में मस्जिदों में भी बड़ी बिजली चोरिया पकड़ी गई हैं। तमाम आरोपों को झेलकर भी हम व्यवस्था में सुधार के लिए कदम आगे बढ़ा रहे हैं। कर्मचारियों के दुश्चरित्र की समस्या को नहीं देखेंगे तो मुश्किलें और बढ़ेंगी। ऐसा नहीं है कि बिजली चोरी हो रही है और जेई, एई व लाइनमैन को इसका पता नहीं है। साथ ही कहा कि पीपीपी मॉडल कांग्रेस सरकार के समय में लाया गया था।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अभी नई प्रस्तावित व्यवस्था के सभी नियम-शर्तें तय नहीं हुए हैं। कर्मचारियों को भी भरोसे में लिया जा रहा है। इसके बाद सपा के आशुतोष सिन्हा ने कहा कि सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करके निजीकरण क्यों कर रही है। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने फिर दोहराया कि इससे नौकरियों में आरक्षण खत्म हो जाएगा और सपा सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।