फिजियोथैरेपी में भी बहु उपयोगी सिद्ध होगी एआई
1 min readतीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी में एप्लीकेशन ऑफ़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन फिजियोथैरेपी पर हुई प्रतियोगिता में अनिका सिंह अव्वल
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी में एप्लीकेशन ऑफ़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन फिजियोथैरेपी पर प्रतियोगिता हुई, जिसमें अनिका सिंह-प्रथम, तनय जैन-द्वितीय और अनीषा जैन-तृतीय रहीं ।
प्रतियोगिता के संग-संग सीटी-एलडी की फैकल्टी श्री शिवम कश्यप ने फिजियोथैरेपी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। अंत में डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी की विभागाध्यक्ष डॉ. शिवानी एम. कौल ने आमंत्रित फैकल्टी श्री शिवम कश्यप को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस मौके पर फिजियोथेरेपी फैकल्टीज- शाजिया मट्टू , हरीश शर्मा, नंदकिशोर शाह, शिप्रा गंगवार, हिमानी राठी, समर्पिता सेनापति, कोमल नागर, सोनम निधि के संग संग कॉर्डिनेटर्स -रंजीत तिवारी , नीलम चौहान , कामिनी शर्मा की भी उल्लेखनीय उपस्थिति रही।संचालन बीपीटी स्टुडेंट्स- विकास कुमार और भूमिका भारद्वाज ने किया।
एप्लीकेशन ऑफ़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन फिजियोथैरेपी पर विस्तार से बोलते हुए श्री शिवम कश्यप ने बताया, आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस प्रकार से चिकित्सा क्षेत्र में ही नहीं वरन सभी इंडस्ट्रीज जैसे ऑटोमोबाइल ,रिसर्च ,आईटी सेक्टर इत्यादि में अपनी दक्षता का परिचय दे रही है। फिजियोथैरेपी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग गेट एनालिसिस , पोस्चरल डिफॉम्रिटीज,रिहैबिलिटेशन इत्यादि में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है । छात्रा अनिका सिंह ने कहा,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केस एनालाइज एवम् डायग्नोस करने के साथ-साथ ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल बनाने में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। छात्र तनय जैन ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस प्रकार से गंभीर बीमारी हेमीप्लेजिया के पेशेंट को रिहैबिलिटेशन में कितनी उपयोगी हो सकती है। प्रश्नोत्तरी सेशन भी हुआ, जिसमें तृतीय वर्ष के छात्र योगेश यादव ने पूछा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य में क्या इंसानों को डोमिनेट कर देगी ? इसके उत्तर में श्री शिवम कश्यप ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मनुष्यों पर डोमिनेट नहीं होगी, बल्कि यह मनुष्यों की जीवन शैली और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहयोग करेगी।