आजमगढ़ : हिंसक प्रदर्शन में 13 नामजद और 30-40 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज
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आजमगढ़। तरवा थाना क्षेत्र के उमरी गांव निवासी सन्नी कुमार की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद इलाके में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, वाहनों में तोड़फोड़ की और जानलेवा हमला किया। इस मामले में पुलिस ने 13 नामजद लोगों और 30-40 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, 31 मार्च को सन्नी कुमार को छेड़खानी के एक मामले में गिरफ्तार कर तरवा थाने लाया गया था। थाना परिसर के शौचालय में उसने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों और स्थानीय लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। परमानपुर चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने लाठी-डंडे और ईंट-पत्थरों के साथ नारेबाजी की और सड़क जाम कर दी, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दस थानों की पुलिस फोर्स और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ अचानक उग्र हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और लाठी-डंडों से हमला किया। इस हमले में मॉनिटरिंग सेल के प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मौर्या गंभीर रूप से घायल हो गए, उनका पैर टूट गया। कई अन्य पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए। उपद्रवियों ने थाना सिधारी के एक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद वाहन में मौजूद पुलिसकर्मी जान बचाकर भागे। भीड़ ने बाजार की कई दुकानों में भी तोड़फोड़ की, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और उपद्रवियों को तितर-बितर किया। तरवा थाने के वरिष्ठ उपनिरीक्षक जितेंद्र सिंह की तहरीर के आधार पर 13 नामजद व्यक्तियों—बलवंत, महेश सोनी, अजय कुमार, मधुबन राम, चंदन राम, राकेश यादव, रोहित कुमार, विशाल सिंह, मुकेश कुमार, संजय राम, महेश कुमार, जैकी और शिवम—के साथ ही 30-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर बीएनएस की धारा 191(2), 191(3), 190, 121(1), 132, 125, 109, 352, 351(2), 3(5), दंडविधि (संशोधन) अध्यादेश 1944 की धारा 7 और लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
