पाक को PM की नसीहत: धोखे में न रहे गिड़गिड़ाने वाले दुश्मन, अभी जारी है ऑपरेशन सिंदूर; ब्रह्मोस का नया पता UP
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कानपुर। पहलगाम में कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी के साथ हुई बर्बरता और उसकी पत्नी ऐशान्या की पीड़ा हम सब महसूस करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो दुश्मन गिड़गिड़ा रहा था, वह किसी धोखे में न रहे। ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में तीन सूत्र तय किए हैं। भारत हर आतंकी हमले का करारा जवाब देगा, उसका समय, तरीका और शर्तें हमारी सेनाएं खुद तय करेंगी। भारत अब एटम बम की गीदड़ भभकी से नहीं डरेगा और न ही उसके आधार पर कोई फैसला लेगा। आतंक के आका और आतंक की सरपरस्त सरकार को भारत एक ही नजर से देखेगा। अगर मैं कनपुरिया अंदाज में कहूं तो दुश्मन कहीं भी हो हौंक (पीटने के लिए कानपुर में प्रचलित शब्द) दिया जाएगा।
ये बातें शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएसए परिसर में आयोजित जनसभा में कहीं। वह यहां 47573.89 करोड़ की 15 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने आए थे। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर कानपुर मेट्रो रेल विस्तार की परियोजना का शुभारंभ किया। इसके बाद ट्रेन ने नयागंज से सेंट्रल तक का अपना पहला सफर किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम के कायराना हमले में कानपुर का बेटा शुभम द्विवेदी भी बर्बरता का शिकार हुआ। उसका आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों-बेटियों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है। हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने घर में घुसकर सैकड़ों मील अंदर जाकर तबाह कर दिए। हमारी सेना ने ऐसा पराक्रम किया कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ा कर युद्ध रोकने की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा। कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की इस धरती से मैं सेना के शौर्य को बार-बार सैल्यूट करता हूं। मैं फिर कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो दुश्मन गिड़गिड़ा रहा था, वह किसी धोखे में न रहे। ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है।
सीएसए मैदान में 30 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने शहर के विकास और देश के शौर्य का संदेश दिया। योजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा कि आज कानपुर मेट्रो की ऑरेंज लाइन का विस्तार हो गया। पहले एलिवेटेड और अब अंडरग्राउंड। जो इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुविधाएं, संसाधन मेट्रो सिटी में होते हैं, वह सब अपने कानपुर में भी दिखने लगे हैं। कानपुर मेट्रो इस बात का सबूत है कि अगर सही इरादों, मजबूत इच्छाशक्ति और नेक-नीयत वाली सरकार हो, तो देश और प्रदेश के विकास के लिए ईमानदारी से प्रयास होते हैं। पहले जिस यूपी की पहचान टूटी सड़कों और गड्ढों से होती थी, आज एक्सप्रेसवे से हो रही है। यूपी कैसे बदला है, ये कानपुर वालों से बेहतर कौन जानता है। कुछ दिनों में कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे बनने से यह सफर 40 से 45 मिनट में पूरा होगा।
ये पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि वो डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता में बड़ी भूमिका निभा रहा है। जैसे कानपुर में पुरानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है, ऐसी सात ऑर्डिनेंस फैक्टियों को हमने बड़ी आधुनिक कंपनियों में बदल दिया है। एक समय जहां से पारंपरिक उद्योग पलायन कर रहे थे। वहां अब डिफेंस सेक्टर की बड़ी कंपनियां आ रही हैं। यहां पास में ही अमेठी में एक 203 राइफल का निर्माण शुरू हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में जिस ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मनों को सोने नहीं दिया, उस ब्रह्मोस मिसाइल का भी नया पता है-उत्तर प्रदेश। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल-गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। कानपुर-फर्रुखाबाद रेलवे लाइन एलिवेटेड बनाई जाएगी। इस रेलवे लाइन पर 18 रेलवे क्रॉसिंग पड़ती थीं, जिससे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता था। अब उन्हें राहत मिलेगी। उत्तर प्रदेश पहले ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन चुका है। इस साल के बजट में हमने ”मिशन मैन्युफैक्चरिंग” की घोषणा की है, जिससे लोकल बिजनेस और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
