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कमरे में मिली पति की लाश, तीसरी पत्नी बेटी के साथ छत से कूदकर भागी; हत्या-आत्महत्या पर तफ्तीश

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वाराणसी। शिवपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नेपाली बाग में किराए पर रह रहे विकास (35) का कमरे में शव मिलने से सनसनी फैल गई। हत्या की आशंका तीसरी पत्नी पर जताई जा रही है। बताया गया कि बीती रात दंपती में किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस हत्या या आत्महत्या के बीच तफ्तीश कर रही है। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, मृतक के सिर के पिछले हिस्से में हल्की चोट भी लगी थी। पिता विजयी रावत ने बताया कि मृतक विकास की पहली पत्नी का नाम नीलम है। पहली पत्नी से तीन बच्चे हैं। बेटी अंजलि (15) बेटे आयुष (12) और निकेश (8) हैं, जो गांव जयसिंह हथेरा थाना नेवढ़िया (जौनपुर) में रहते हैं।

कुछ साल पहले विकास अपने परिवार को छोड़कर शहर में किराए पर रहता था। छह वर्ष पूर्व किसी मुस्लिम महिला के साथ रहता था। उसके बाद रिया नाम की एक लड़की से शादी करके नेपाली बाग (शिवपुर) में किराए पर रहता था। उससे पांच वर्ष की एक लड़की भी है। पति-पत्नी बाबतपुर स्थित एक होटल में काम करते थे। विकास बहुत शराब पीता था।

पिता ने बताया कि दोनों अक्सर लड़ाई-झगड़ा करते थे। इसकी शिकायत मैंने दो वर्ष पहले बड़ागांव थाने में की थी। यहां पुलिस ने समझा कर दोनों को छोड़ दिया था। विकास नेपाली बाग में रिया और बच्ची के साथ रहता था, बाकी परिवार गांव रहता है।

पिता विजयी के अनुसार, रविवार की सुबह मकान मालिक संजय गुप्ता ने फोन कर हम लोगों को सूचना दी। मकान मालिक प्रथम तल पर रहता है। द्वितीय तल पर विकास रहता था। मकान मालिक ने बताया कि देर रात तक पति-पत्नी में काफी विवाद चल रहा था।

नीचे का दरवाजा अंदर से बंद रहने के कारण अंदेशा जताया गया कि पत्नी रिया रात को ही छत के रास्ते कूद कर अपने बच्ची के साथ भाग गई। मकान मालिक ने बताया कि सुबह उठने पर देखा कि विकास का कमर खुला है और वह जमीन गिरा हुआ है। कुछ हरकरत नहीं होने पर परिजनों के साथ ही शिवपुर पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंचे डीसीपी प्रमोद कुमार, एसीपी विद्युत सक्सेना, थाना प्रभारी फोर्स व फॉरेंसिक टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया की मौत का कारण पोस्टमार्टम होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

मृतक की पहली पत्नी नीलम, माता गीता देवी, पिता विजयी, भाई गोलू सहित बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। पिता ने बताया कि मेरा बेटा विकास मेरी कोई बात नहीं मानता था। परिवार के साथ रहता तो शायद जिंदा रहता।

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