मैं तीन महीने से नजरबंद…’, एटा जा रहे सपा सांसद रामजीलाल सुमन को पुलिस ने रोका, नोकझोंक के बाद हंगामा
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आगरा। भगवान बुद्ध की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने के मामले में धरना-प्रदर्शन में शामिल होने बुधवार को एटा जा रहे सपा सांसद रामजीलाल सुमन को पुलिस ने फिर रोक लिया। सपा सांसद ने कहा कि भाजपा शासन में अघोषित आपातकाल है। मैं तीन महीने से नजरबंद जैसे हालात में हूं। मुझे लोगों की आवाज उठाने से रोका जा रहा है।
एटा के मारहरा स्थित सिरसाबदन गांव में भगवान गौतम बुद्ध की मूर्ति तीन बार तोड़ी गई। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। जिसके विरोध में बुधवार को पूर्व घोषित धरना-प्रदर्शन था। जिसमें आगरा, अलीगढ़ व एटा के आस-पास जिलों से सपा कार्यकर्ता शामिल होने थे। सुमन ने कहा कि रात में ही मेरे घर पुलिस आ धमकी। मुझे नजरबंद कर लिया।
पुलिस का घेरा तोड़कर बुधवार दोपहर करीब 12 बजे सांसद सुमन ने आवास से निकलने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस ने बैरियर लगा दिए। रास्ते बंद कर दिए। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच कहासुनी और हंगामा हुआ। सुमन ने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि सात दिन में प्रतिमा तोड़ने वाले जेल नहीं भेजे गए तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। सुमन ने कहा कि अखिलेश के जन्मदिन पर उनका पोस्टर फाड़ा गया। पुलिस मूक-बधिर बनी रही।
सपा सांसद ने कहा कि पुलिस की निष्क्रिय कार्यशैली से दलित समाज हतोत्साहित है। इस दौरान पूर्व विधायक रणजीत सुमन, शशांक यादव, गौरव यादव, शराफत हुसैन, महेंद्र सिंह, शाहिद कुरैशी, बृजमोहन राही, ओम प्रकाश मकवाना, सलीम शाह, धर्मेंद्र यादव, रविकांत मिश्रा, राजपाल बाबा, अवनींद्र यादव आदि मौजूद रहे।
