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सुसाइड के लिए टंकी से लटकी महिला, बचाने की जगह VIDEO बनाते रहे लोग, गिरने से मौत

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कानपुर। मेरी बेटी का तुम लोग ख्याल रखना, मैं पानी की टंकी पर चढ़कर जान दे रही हूं। पति के बिना इस दुनिया में जीने से क्या फायदा। यह चंद लाइन एक महिला ने रोते-बिलखते हुए ननद को फोन कर कही फिर कुछ देर बाद करीब 60 फीट ऊंची पानी की टंकी पर सुसाइड के लिए चढ़ गई। टंकी से सीधे छलांग लगाने से पहले रेलिंग पकड़कर लटक गई। शायद उसने मरने का विचार बदल दिया था। दस मिनट तक हवा में लटकी रही। लेकिन किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की और वीडियो बनाते रहे। इसी दौरान उसका हाथ छूट गया और नीचे गिरने से मौत हो गई। सूचना पर पहुंची काकादेव पुलिस ने मामले की जांच कर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। विजय नगर के अंबेडकर नगर में रहने वाले शुभम का दो माह पहले बीमारी से निधन हो गया था। परिवार में 25 वर्षीय पत्नी नैना व पांच साल की एक बेटी शिवांशी उर्फ शिब्बू है। सास गीता देवी ने बताया कि शुभम ने आठ साल पहले झकरकटी में रहने वाली नैना से प्रेम विवाह किया था। बेटे की मौत के बाद बहू उन लोगों के साथ रह रही थी। गुरुवार रात हंसी-खुशी बहू ने साथ में खाना खाया। फिर पति रमेश और बेटी सोनम दिव्यांशी को लेकर अपने कमरे में सोने चले गए। बहू सास के साथ सो रही थी।

शुक्रवार सुबह करीब छह बजे नैना बिना बताए कहीं चली गई। फिर अचानक बेटी सोनम के पास फोन आया कि मैं पानी की टंकी पर चढ़कर जान दे रही हूं। बेटी का ख्याल रखना। यह सुनते ही परिवारीजन समेत मोहल्ले के लोग नैना को आसपास की टंकी के पास तलाशने लगे। लेकिन उसका कुछ पता नहीं लग पाया। कुछ देर बाद नैना की मां राधा भी आ गई। गीता व राधा ई-रिक्शा के जरिए उसे ढूंढ रही थी।

इसी दौरान पता चला कि नैना शास्त्री नगर ऊंचा पार्क स्थित करीब 60 फीट ऊंची टंकी पर पहुंच गई है। वहां से छलांग लगाने से पहले रेलिंग पकड़कर हवा में लटकी रही। करीब दस मिनट बाद उसका हाथ भर गया और वह नीचे गिर गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल महिला को हैलट में भर्ती कराया। जहां उसकी मौत हो गई। काकादेव थाना प्रभारी मनोज सिंह भदौरिया ने बताया कि पति की मौत के बाद महिला सदमे में चल रही थी। इसके चलते उसने सुसाइड किया है।

महिला को पानी में टंकी पर चढ़ा देख कुछ ही देर में वहां भीड़ लग गईं। पार्षद विनोद गुप्ता समेत मोहल्ले के लोग उसे समझाते रहे, लेकिन उसने एक न सुनीं। समझाते-समझाते 6 से 8 यानि दो घंटे बीत गए। फिर करीब आठ बजे छलांग लगाने से पहले टंकी के किनारे बनी रेलिंग पकड़कर लटक गई। करीब 60 फीट ऊपर नैना को हवा में लटकता देख लोगों की रूह कांप उठी। दस मिनट तक वह लटकी रही लेकिन किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। हाथ छूटते ही वह नीचे गिरी और गंभीर रूप से घायल होने के बाद अस्पताल में दम तोड़

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